☞डॉ राजेंद्र सिंह, जीएमएस रोड देहरादून
आज जब कोविड नामक वायरस की वैक्सीन की दो डोज लगने के बाद भी नया वायरस ओमीक्रोन नामकरण WHO ने किया है।अब यह विचारणीय प्रश्न है।अब क्या होगा क्योंकि एलोपैथी चिकित्सा पद्धति मे पहले भी कोई ईलाज नही था अब भी वैज्ञानिक तौर पर अभी तक कोई ईलाज नही है।क्योंकि वैक्सीन लगाने के बाद यह नही होगा इसकी गारन्टी WHO एलोपैथी के पास भी नहीं है।जिस पर सरकार लाखो, करोड़ों रु खर्च करती है।फिर भी कोई गारंटी नही।
मेरा मानना है।अब हमे व सरकार को होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति, आयुर्वेदिक व आयुष चिकित्सा पद्धतियो का बढावा देना चाहिए।रिसर्च सेंटर व होम्योपैथी मेडिकल कालेज उत्तराखंड में स्थापित करना चाहिए।
आर्सेनिक30 लो और कोविड से बचो:-
हमने पहले भी कोविड की रोकथाम के लिए उत्तराखंड मे प्री कोविड के लिए आर्सेनिक30 को14 लाख लोगों को दिया था,जोकि बहुत लाभदायक सिद्ध हुई है।आफ्टर कोविड मे भी होम्योपैथी दवाओं से लक्षणों के आधार पर बहुत लाभदायक सिद्ध हुई.है। अभी भी नये वैरिएंट ओमीक्रोन मे कारगर सिद्ध होगी ।
Arsenic alb 30तीन बूंद या गोलियां रोज तीन दिन तक एक बार ओमीक्रोन ( कोविड) को न होने के लिए ले सकते है।यह दवा होम्योपैथी की दवा है।अवश्य कार्य करेंगी और रोक थाम मे सहायक होगी।यह पहले भी कारगर सिद्ध हुई है। आप अपना बचाव कर सकते हैं।
(Dr rajendra singh, उत्तराखंड होम्योपैथी विभाग के सेवा निवृत डायरेक्टर हैं।)