रामनगर: जंगली जानवरों, बंदरों से इंसानों फसलों,मवेशियों की सुरक्षा किए जाने तथा जंगली जानवरों के हमले में मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपए मुआवजा व घायलों को 10 लाख रुपए मुआवजा तथा संपूर्ण इलाज की गारंटी आदि मांगों को लेकर कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढेला और झिरना जोन में कल रविवार 31 दिसंबर को पर्यटकों की आवाजाही पूर्णतया बंद रहेगी। मामले के समाधान के लिए 29 दिसंबर को वार्ता से नदारद रहने वाले निर्देशक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व डॉ. धीरज पाण्डे की ओर से शनिवार दोपहर बाद संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों को ढेला रेंज कार्यालय पर वार्ता के लिए बुलाया। बेहद अल्पअवधि में रामनगर एसडीएम राहुल शाह की मध्यस्थता में हुई वार्ता में निदेशक व सरकार द्वारा कोई भी ठोस समाधान प्रस्तुत न कर पाने के कारण वार्ता बगैर किसी नतीजे पर पहुंचे समाप्त हो गई।
रविवार के कार्यक्रम की जानकारी देते हुए संघर्ष समिति के संयोजक ललित उप्रेती में बताया कि ग्रामीण सुबह 5 बजे से ग्राम सावल्दे पश्चिमी वन चौकी के पास शांतिपूर्वक धरना देकर अपना आंदोलन करेंगे। उन्होंने क्षेत्र की जनता से अधिक से अधिक संख्या में धरना स्थल पर पहुंचने की अपील की है। 31 दिसंबर के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए संघर्ष समिति द्वारा माइक से क्षेत्र में व्यापक जनसंपर्क एवं प्रचार अभियान की चलाया गया। संघर्ष समिति ने कहा कि वन प्रशासन और सरकार जनता की सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं है। आज 2 महीने होने जा रहे हैं क्षेत्र में दर्जनों लोग टाइगर व अन्य हिंसक जानवरों के हमले का शिकार हो चुके हैं परंतु सरकार और वन प्रशासन जनता को सुरक्षा देने की जगह जनता का उत्पीड़न कर रहा है। जिस कारण जनता सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के लिए मजबूर है।
महेश जोशी ने आरोप लगाया कि आम जनता की जान व खेती किसानी की कीमत पर टाइगर एवं जंगली जानवरों का संरक्षण किया जा रहा है जो की बेहद खतरनाक है। आम आदमी को मार कर जंगली जानवरों को बचाने की नीति को बदला जाना चाहिए। वार्ता में एसडीएम राहुल शाह, निदेशक कार्बेट टाइगर रिजर्व डॉक्टर धीरज पाण्डे, उप निदेशक दिगंथ नायक, पार्क वार्डन अमित ग्यासकोटि, वाइल्डलाइफ बोर्ड सदस्य मयंक तिवारी, आनंद नेगी, राजेंद्र सिंह, सोवन तड़ियाल, ललित पांडे, आनंद नेगी आदि उपस्थित थे।