देहरादून में आई आपदा में लापता लोगों की तलाश की जा रही है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। देहरादून के आपदा के बाद आज चमोली में भी सुबह बादल फटने की घटना सामने आई। जिले में भारी तबाही मची है। इस बीच सीएम धामी ने राहत-बचाव कार्यों की जानकारी ली। साथ ही बैठक कर अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से राज्य के आपदा प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति की समीक्षा की। वहीं उप जिलाधिकारी हरिगिरी की देखरेख में मजाड गांव में मलबे में दबे शवों को डॉग स्क्वायड की मदद से प्रशासन की टीम खोज रही है। सहस्रधारा के मजाड़ा गांव में अभी तीन से चार लोगों के फंसे होने की सूचना है। आपदा के बाद यहां भयावह मंजर सामने आया है।
सड़कों पुलों को गहरे जख्म दे गई आपदा
दून में आई आपदा सड़कों-पुलों, मकानों, खेतों को गहरे जख्म दे गई। राजधानी के कई मुख्य मार्ग 36 घंटे बाद भी बंद रहे। लोनिवि डायवर्जन प्लान तैयार करने में जुटा है। देहरादून-पांवटा राष्ट्रीय राजमार्ग में नंदा की चौकी के पास क्षतिग्रस्त हुए पुल से आवाजाही शुरू होने में अभी चार से छह महीने लग सकते हैं तब तक वैकिल्पक मार्ग बनाकर आवाजाही शुरू किए जाने की तैयारी है। देहरादून जिले में पिछले दिनों आपदा ने जमकर तबाही मचाई। जगह-जगह सड़कें बह गई, वहीं, आठ पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 72 में नंदा की चौकी के पास पुल को भारी नुकसान हुआ है। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता राजेश कुमार शर्मा के मुताबिक पुल को ठीक करने के लिए नदी में पानी के कम होने का इंतजार किया जा रहा है।
नदी में पानी कम होने के बाद इसका डिजाइन तैयार कर कुल लागत निकाली जाएगी। पुल राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का है लेकिन इसे ठीक करने का काम लोक निर्माण विभाग को करना है। उन्होंने कहा कि पुल को ठीक होने में कम से कम छह महीने का समय लग सकता है। ऐसे में विभाग की ओर से क्षतिग्रस्त पुल से करीब 50 से 60 मीटर ऊपर वैकल्पिक रास्ता निकाले जाने की तैयारी है। इसके लिए जगह देख ली गई है। वहीं, अधीक्षण अभियंता ओमपाल सिंह ने बताया कि आपदा ने जिले की सड़कों को बड़ा नुकसान दिया है। सड़कों को करीब 42.62 करोड़ का नुकसान है। मार्गों को सुचारू करने के लिए पहले अस्थायी निर्माण किया जा रहा है। उसके बाद स्थायी निर्माण शुरू किया जाएगा।
19 सितंबर तक सभी आपदाग्रस्त इलाकों में सुचारू होगी पेयजल आपूर्ति: सचिव पेयजल शैलेश बगौली
राजधानी के आपदाग्रस्त इलाकों में 19 सितंबर तक पेयजल आपूर्ति सुचारू हो जाएगी। सचिव पेयजल शैलेश बगौली ने बुधवार को आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करते हुए शीघ्र पेयजल आपूर्ति सुचारू करने के निर्देश दिए। सचिव पेयजल बगोली ने विभागीय अधिकारियों के साथ बीजापुर, बांदल, केसरवाला, पुरकुल एवं शहंशाही हैड और इनसे जुड़ी क्षतिग्रस्त पाइपलाइनों का निरीक्षण किया। पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को जल्द से जल्द दुरुस्त करने के निर्देश दिए। 16 सितंबर को आई आपदा से इन स्रोतों की आपूर्ति बाधित हो गई थी। जिसके चलते डीएल रोड, करनपुर, कालीदास रोड, न्यू कैंट रोड, राजपुर, चुक्खूवाला, लोअर रायपुर, किद्दूवाला, पुरकुल गांव, सलोनी गांव, जाखन, विजयनगर, ढाकपट्टी आदि क्षेत्रों की लगभग 2.35 लाख की आबादी प्रभावित हुई है। सचिव ने निर्देश दिए कि बीजापुर, बांदल एवं केसरवाला हेड से आपूर्ति व्यवस्था 17 सितंबर की शाम तक अस्थायी रूप से शुरू कर दी जाए। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि 18 सितंबर की सुबह तक लगभग 1.35 लाख लोगों को पेयजल आपूर्ति मिल जाएगी। शेष स्रोतों का कार्य 18 सितंबर की शाम तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद 19 सितंबर की सुबह तक बाकी एक लाख लोगों को भी जलापूर्ति सुनिश्चित कर दी जाएगी।
19 सितंबर तक सभी आपदाग्रस्त इलाकों में सुचारू होगी पेयजल आपूर्ति: सचिव पेयजल शैलेश बगौली
राजधानी के आपदाग्रस्त इलाकों में 19 सितंबर तक पेयजल आपूर्ति सुचारू हो जाएगी। सचिव पेयजल शैलेश बगौली ने बुधवार को आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करते हुए शीघ्र पेयजल आपूर्ति सुचारू करने के निर्देश दिए। सचिव पेयजल बगोली ने विभागीय अधिकारियों के साथ बीजापुर, बांदल, केसरवाला, पुरकुल एवं शहंशाही हैड और इनसे जुड़ी क्षतिग्रस्त पाइपलाइनों का निरीक्षण किया। पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को जल्द से जल्द दुरुस्त करने के निर्देश दिए। 16 सितंबर को आई आपदा से इन स्रोतों की आपूर्ति बाधित हो गई थी। जिसके चलते डीएल रोड, करनपुर, कालीदास रोड, न्यू कैंट रोड, राजपुर, चुक्खूवाला, लोअर रायपुर, किद्दूवाला, पुरकुल गांव, सलोनी गांव, जाखन, विजयनगर, ढाकपट्टी आदि क्षेत्रों की लगभग 2.35 लाख की आबादी प्रभावित हुई है। सचिव ने निर्देश दिए कि बीजापुर, बांदल एवं केसरवाला हेड से आपूर्ति व्यवस्था 17 सितंबर की शाम तक अस्थायी रूप से शुरू कर दी जाए। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि 18 सितंबर की सुबह तक लगभग 1.35 लाख लोगों को पेयजल आपूर्ति मिल जाएगी। शेष स्रोतों का कार्य 18 सितंबर की शाम तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद 19 सितंबर की सुबह तक बाकी एक लाख लोगों को भी जलापूर्ति सुनिश्चित कर दी जाएगी।