• Tue. Oct 14th, 2025

मौज लीजिए सरकार के नौकरों, लोकपर्व ईगास बग्वाल के दिन धामी ने दे दी जनता की सेवा से छुट्टी,


[responsivevoice_button voice=”Hindi Female”]

Spread the love

कोई भी पर्व त्योहार हो, छुट्टी हो जाए तो जिंदगी में सरकारी आदमी के लिए फुल्टोस आनंद हो जाता है। जिस “लोक”की सेवा की कसम खाकर सरकार बनती है और सरकारी अंपने नौकर को सेवा पर रखते हुए कसम खिलाती है, उसके पर्व पर छुट्टी तो बनती ही है। तो लीजिए उत्तराखण्ड के लोकपर्व ईगास-बग्वाल को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 4नवम्बर को राजकीय अवकाश की घोषणा कर दी है।सरकारी बाबू लोग खुश और आबाद रहने चाहिए, साधारण जनता का क्या है उसे तो हर हाल में खुश रहने की विशेष कला आती है ही।

यह दूसरा मौक़ा होगा जब उत्तराखण्ड में लोकपर्व ईगास को लेकर अवकाश घोषित किया गया है। बीते वर्ष भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा ईगास बग्वाल पर राजकीय अवकाश की घोषणा की गई थी। इस बार अवकाश की घोषणा उन्होंने खुद की है और ट्वीट के जरिए प्रदेश वासियों को इसकी सूचना दी है। उन्होंने कहा कि ईगास बग्वाल उत्तराखंड वासियों के लिए एक विशेष स्थान रखती है। यह हमारी लोक संस्कृति का प्रतीक है।हम सब का प्रयास होना चाहिए कि अपनी सांस्कृतिक विरासत और परंपरा को जीवित रखें। नई पीढ़ी हमारी लोक संस्कृति और परम्परिक त्योहारों से जुड़ी रहे,ये हमारा उद्देश्य है।

गढ़वाली भाषा में किये अपने ट्वीट में सीएम ने लिखा है कि “आवा! हम सब्बि मिलके इगास मनोला, नई पीढ़ी ते अपणी लोक संस्कृति से जुड़ोला।लोकपर्व ’इगास’ हमारु लोक संस्कृति कु प्रतीक च। ये पर्व तें और खास बनोण का वास्ता ये दिन हमारा राज्य मा छुट्टी रालि, ताकि हमसब्बि ये त्योहार तै अपणा कुटुंब, गौं मा धूमधाम से मने सको।हमारि नई पीढी भी हमारा पारंपरिक त्योहारों से जुणि रौ, यु हमारु उद्देश्य च।

“ बताते चलें कि दीपावली के 12वें दिन ईगास बग्वाल का पर्व मनाया जाता है। इसे पर्वतीय अंचल की दिवाली भी कहते है। उत्तराखंड में लंबे समय से ईगास पर अवकाश की मांग की जाती रही है। लेकिन गढ़वाल और कुमाऊं की सांस्कृतिक मान्यताओं में फर्क होने के कारण अवकाश घोषित नहीं किया गया। ईगास मूलत: गढ़वाल क्षेत्र का पर्व है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कुमाऊं से हैं। उन्होंने ईगास पर अवकाश की घोषणा कर दोनों क्षेत्रों को सांस्कृतिक तौर पर करीब लाने का प्रयास किया है।हमारा पारंपरिक त्योहारों से जुणि रौ, यु हमारु उद्देश्य च।”

क्या है ईगास: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में दीपावली के 12वें दिन ईगास बग्वाल का पर्व मनाया जाता है। इसे पर्वतीय अंचल की दिवाली भी कहते है। उत्तराखंड में लंबे समय से ईगास पर अवकाश की मांग की जाती रही है। लेकिन गढ़वाल और कुमाऊं की सांस्कृतिक मान्यताओं में फर्क होने के कारण अवकाश घोषित नहीं किया गया। ईगास मूलत: गढ़वाल क्षेत्र का पर्व है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कुमाऊं से हैं। उन्होंने ईगास पर अवकाश की घोषणा कर दोनों क्षेत्रों को सांस्कृतिक तौर पर करीब लाने का प्रयास किया है।  हमारा पारंपरिक त्योहारों से जुणि रौ, यु हमारु उद्देश्य च।“ बताते चलें कि दीपावली के 12वें दिन ईगास बग्वाल का पर्व मनाया जाता है। इसे पर्वतीय अंचल की दिवाली भी कहते है। उत्तराखंड में लंबे समय से ईगास पर अवकाश की मांग की जाती रही है। लेकिन गढ़वाल और कुमाऊं की सांस्कृतिक मान्यताओं में फर्क होने के कारण अवकाश घोषित नहीं किया गया। ईगास मूलत: गढ़वाल क्षेत्र का पर्व है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कुमाऊं से हैं। धामी के करीबियों का कहना है कि उन्होंने ईगास पर अवकाश की घोषणा कर दोनों क्षेत्रों को सांस्कृतिक तौर पर करीब लाने का प्रयास किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

नॉर्दर्न रिपोर्टर के लिए आवश्यकता है पूरे भारत के सभी जिलो से अनुभवी ब्यूरो चीफ, पत्रकार, कैमरामैन, विज्ञापन प्रतिनिधि की। आप संपर्क करे मो० न०:-7017605343,9837885385