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त्रिशूल से 4 नोसैनिको के शव बरामद, 2 पर्वतारोहियों की तलाश जारी


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जनपद चमोली की सीमा पर बागेश्वर जिले में स्थित त्रिशूल पर्वत के आरोहण पर गया नौसेना का पर्वतारोही दल शुक्रवार 1अक्टूबर सुबह हिमस्खलन की चपेट में आ गया। हादसे में दल के 6 सदस्यों के लापता होने की जानकारी मिली थी। करीब 44 लोगों के दल ने 15 सितम्बर को घाट क्षेत्र से पर्वतारोहण अभियान शुरू किया था।

जानकारी मिलने के बाद नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) उत्तरकाशी और सेना ने सर्च अभियान शुरू किया था। आर्मी के हेलीकॉप्टर से निम के प्रधानाचार्य अमित बिष्ट के नेतृत्व में सर्च दल के लिए बार बार खराब मौसम बाधा बना। आखिरकार 2 अक्टूबर शनिवार देर शाम तक 4 पर्वतारोहियो के शव बरामद हुए। जबकि 2 लोगो की तलाश जारी है।

कर्नल अमित बिष्ट, ने बताया कि लापता नौसेना पर्वतारोहियों में से चार – लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीकांत यादव, लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश तिवारी, लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती, हरिओम एमसीपीओ II के पार्थिव शरीर आज त्रिशूल पर्वत से बरामद किए गए। जब पांचवें नौसैनिक पर्वतारोही और एक शेरपा का पता लगाने के प्रयास जारी है।

1 अक्टूबर को आए थे भूस्खलन की चपेट में :
माउंट त्रिशूल पर चढ़ने के दौरान नौसेना के पर्वतारोही दल के एवलांच की चपेट में आने की जानकारी मिली थी। दल के करीब 6 पर्वतारोही लापता बताए गए थे। नेहरू पर्वतरोहण संस्थान उत्तरकाशी के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट के नेतृत्व में चमोली जनपद से रेस्क्यू टीम त्रिशूल चोटी के लिए रवाना हो गई। कर्नल बिष्ट के मुताबिक ने उन्हे यह सूचना नेवी की एडवंचर विंग से उनके पास सुबह करीब 11 बजे आयी है। जिसमें निम के सर्च एडं रेस्क्यू टीम से मदद मांगी गई थी। घटना करीब 5 बजे सुबह कीथी।
उल्लेखनीय है कि नौसेना का एक दल करीब 15 दिन पहले 7,120 मीटर उच्च हिमालय की ऊंची त्रिशूल चोटी के आरोहण के लिए गया था। 1 अक्टूबर शुक्रवार सुबह दल चोटी के समिट के लिए आगे बढ़ा। इसी दौरान हिमस्खलन हुआ होना बताया जा गया। जिसकी चपेट में नौसेना के पर्वतारोही आए हैं।

शुक्रवार को सुबह त्रिशूल पर्वत पर पर्वतारोहण पर गए नौ सेना के 6 जवान हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे, जिसके बाद रेस्क़यु अभियान चलाया गया, जिसमे आर्मी के हेलीकॉप्टर निम के प्रधानाचार्य अमित बिष्ट के नेतृत्व में सर्च बचाव में जुटे रहे इस दौरान कई बार बार खराब मौसम सर्च अभियान में बाधा बना। लेकिन शनिवार देर शाम तक 4 पर्वतारोहियो के शव बरामद हुए।

अनुमति मात्र 4 की निकले 44 ! 13 साल की बच्ची भी शामिल : बदरीनाथ वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ आशुतोष सिंह ने बताया कि मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक कार्यालय से चार लोगों को माउंट त्रिशूल के पर्वतारोहण की अनुमति दी गई थी। इसमें नौ सेना के कमांडर कार्तिकेयन सुंदरम, उनकी 13 वर्षीय बेटी काम्या कार्तिकेयन, निहार संदीप शौले और आदित्य गुप्ता शामिल थे। अनुमति पत्र में वन विभाग चमोली के डीएफओ कार्यालय से अनुमति लेने के निर्देश दिये गये हैं। लेकिन, दल के वन विभाग से संपर्क न करने के चलते विभाग को पर्वतारोही दल के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है।

7120 मीटर ऊंची है त्रिशूल चोटी : घटना की जानकारी मिलने के बाद नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) उत्तरकाशी का राहत बचाव दल प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट के नेतृत्व में चमोली जनपद से त्रिशूल चोटी के लिए रवाना हो हो गया है।
उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित 7120 मीटर ऊंची त्रिशूल चोटी चमोली जनपद की सीमा पर कुमाऊं के बागेश्वर जनपद में है। इसके आरोहण के लिए पर्वतारोही चमोली के जोशीमठ और घाट से जाते हैं। नौ सेना का यह दल भी घाट के सुतोल होते हुए निकला था। सूत्रों के अनुसार शुक्रवार सुबह दल चोटी फतह करने निकला था। इस दौरान करीब पांच बजे हिमस्खलन की चपेट में आने से 6 सदस्य लापता हो गए। जानकारी मिलने पर उत्तरकाशी से निम का राहत और बचाव दल हैलीकाप्टर से रवाना कर दिया गया। वहीं जोशीमठ से भारतीय सेना का 30 सदस्यीय दल भी सड़क मार्ग से सुतोल गांव के लिये रवाना हो गया था। दल शनिवार को आगे घटनास्थल के लिये रवाना हुआ।

 

 

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