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..तो नियम का पालन किए बगैर निकला था नौसेना का पर्वतारोही दल


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जनपद चमोली की सीमा पर बागेश्वर जिले में स्थित त्रिशूल पर्वत के आरोहण पर गया नौसेना का पर्वतारोही दल शुक्रवार सुबह हिमस्खलन की चपेट में आ गया। हादसे में दल के 10 सदस्य लापता होने की जानकारी मिली है। करीब 44 लोगों के दल ने 15 सितम्बर को चमोली जिले में घाट क्षेत्र के सुतोल से पर्वतारोहण अभियान शुरू किया था।

जानकारी मिलने पर नेहरू पर्वतारोहण संस्थान NIM उत्तरकाशी के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट के नेतृत्व में चमोली जनपद से रेस्क्यू टीम त्रिशूल चोटी के लिए रवाना हो गई। कर्नल बिष्ट के मुताबिक ने उन्हे यह सूचना नेवी की एडवंचर विंग से उनके पास सुबह करीब 11 बजे आयी। जिसमें निम के सर्च एडं रेस्क्यू टीम से मदद मांगी गई थी। उन्होंने बताया कि घटना करीब 5 बजे सुबह की है।

कितने लोग इसकी सही जानकारी नहीं : नियमानुसार त्रिशूल के पर्वतारोहण के लिये इस दल को बदरीनाथ वन प्रभाग व जिला प्रशासन को सूचना देनी थी। लेकिन चमोली जिले के अधिकारियों को सूचना दिये बिना अभियान शुरू किया गया।चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि एनडीआरएफ की टीम के साथ ही गौचर में हैलीकॉप्टर को अलर्ट पर रखा गया है। प्रशासन को दल में शामिल लोगों की अभी तक कोई पुख्ता जानकारी नहीं है।

अनुमति मात्र 4 की, निकले 44 ! 13 साल की बच्ची भी शामिल : बदरीनाथ वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ आशुतोष सिंह ने बताया कि मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक कार्यालय से चार लोगों को माउंट त्रिशूल के पर्वतारोहण की अनुमति दी गई थी। इसमें नौ सेना के कमांडर कार्तिकेयन सुंदरम, उनकी 13 वर्षीय बेटी काम्या कार्तिकेयन, निहार संदीप शौले और आदित्य गुप्ता शामिल थे। अनुमति पत्र में वन विभाग चमोली के डीएफओ कार्यालय से अनुमति लेने के निर्देश दिये गये हैं। लेकिन, दल के वन विभाग से संपर्क न करने के चलते विभाग को पर्वतारोही दल के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है।

7120 मीटर ऊंची है त्रिशूल चोटी : घटना की जानकारी मिलने के बाद नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) उत्तरकाशी का राहत बचाव दल प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट के नेतृत्व में चमोली जनपद से त्रिशूल चोटी के लिए रवाना हो हो गया है।
उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित 7120 मीटर ऊंची त्रिशूल चोटी चमोली जनपद की सीमा पर कुमाऊं के बागेश्वर जनपद में है। इसके आरोहण के लिए पर्वतारोही चमोली के जोशीमठ और घाट से जाते हैं। नौ सेना का यह दल भी घाट के सुतोल होते हुए निकला था।

सूत्रों के अनुसार शुक्रवार सुबह दल चोटी फतह करने निकला था। इस दौरान करीब पांच बजे हिमस्खलन की चपेट में आने से 10 सदस्य लापता होने गए। जानकारी मिलने पर उत्तरकाशी से निम का राहत और बचाव दल हैलीकाप्टर से रवाना कर दिया गया। वहीं जोशीमठ से भारतीय सेना का 30 सदस्यीय दल भी सड़क मार्ग से सुतोल गांव के लिये रवाना हो गया है। दल शनिवार को आगे घटनास्थल के लिये रवाना होगा।

सुतोल गांव में कोहराम : चमोली के घाट ब्लॉक के सुतोल गांव के दो युवा दिनेश और ताजवर भी दल में शामिल थे। घटना की सूचना जब सुतोल गांव में पहुंची तो गांव में कोहराम मच गया। सुतोल गांव में ईको पर्यटन समिति के अध्यक्ष कमल सिंह ने बताया कि दल में 20 जवान, 20 पोर्टर और चार शेरपा (क्लाइविंग विशेषज्ञ) शामिल थे। पोर्टर और शेरपा 18 सितंबर को सुतोल गांव से त्रिशूल के लिए रवाना हुए थे, जबकि नौ सेना का दल कमांडर कार्तिकेयन सुंदरम के नेतृत्व में 23 को रवाना हुआ था।

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