प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 5 नवंबर को उत्तराखंड आए। भगवान केदारनाथ के दरबार से पहाड़ की जवानी-पानी की बात कर गए। लेकिन,बात करने भर से क्या होगा। ऐसे भाषण तो मोदी जी से पहले वाले भी दिया करते थे। इसलिए मोदी साहिब यदि आपको जरा भी उत्तराखंड के दूरस्थ पहाड़ की चिंता है, तो यहां की जिंदगी की मुश्किलों की भी सुध ले लेते। कोई बात नहीं 8 नवंबर की घटना आपको यहां के पानी और जवानी की हालत बताने को पर्याप्त है।
लीजिए पढ़िए! चमोली जिले में एक बार फिर दूरस्थ क्षेत्रों में सड़क और स्वास्थ्य की सुविधा के सरकारी दावों की रविवार को पोल खुल गई है। यहां निजमूला घाटी के हुडंग-मोली गांव में महिला के बीमार होने पर सड़क और स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में ग्रामीणों ने 8 किमी कंधों में ढोकर बीमार महिला को चिकत्सालय पहुंचाया है।
स्थानीय निवासी भगत सिंह ने बताया कि निजमूला घाटी हुडंग-मोली गांव निवासी मदन सिंह फरस्वाण की पत्नी पुष्पा देवी की शनिवार की रात्रि में अचानक पेट में दर्द शुरु हो गया। जब रविवार को भी पुष्पा को दर्द से आराम नहीं मिला तो परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से बीमार महिला को कंधों में आठ किमी दूर सड़क तक पहुंचाया। जहां से 108 की मदद से महिला को जिला चिकित्सालय में पहुंचाया गया। जहां महिला का उपचार किया जा रहा है।
स्थानीय ग्रामीण मनोज सिंह, संदीप सिंह, उम्मेद सिंह, भीम सिंह, वीरेंद्र सिंह, अमर सिंह और जितार सिंह का कहना है कि गांव में सड़क और स्वास्थ्य की सुविधा न होने से किसी भी ग्रामीण के बीमार होने पर वे ऐसे ही कंधों में उन्हें चिकित्सालय पहुंचाते हैं। लेकिन वर्तमान तक गांव में सड़क और स्वस्थ्य सुविधा के विकास के लिये कोई पुख्ता कार्रवाई नहीं हो सकी है।