पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने परिसंपत्तियों के बंटवारे के मामले में राज्य सरकार पर उत्तर प्रदेश सरकार के सामने आत्मसमर्पण करने का आरोप लगाया है। हरीश रावत ने कहा कि पिछले दिनों दोनों राज्यों के बीच हुए समझौते का कांग्रेस हर स्तर पर विरोध करेगी।
शनिवार 20 नवंबर को पूर्व सीएम हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कांग्रेस भवन में संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस की। कहा कि धामी सरकार दावा कर रही है कि परिसंपत्तियों के विवाद का निपटारा एक ऐतिहासिक कदम है। 21 वर्षों से यह विवाद यूपी सरकार के साथ लंबित था और कोई भी सीएम इसका हल नहीं निकाल पाये।
हरीश रावत ने कहा कि वर्ष पिछले वर्ष भी 18 नवम्बर को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच बैठक हुई थी। उस बैठक के बाद तय हुआ था कि 75:25 के अनुपात में परिसंपत्तियों का विभाजन होगा। लेकिन पिछले दिनों लखनऊ में हुई बैठक में विभाजन का स्वरूप तय करने के लिए फिर से संयुक्त सर्वे कराने का फैसला लिया गया है।
हर साल 18 नवम्बर को काला दिवस :हरीश रावत ने कहा कि यह गलत हुआ है और राज्य सरकार ने एक तरह से यूपी के सामने सरेंडर किया है। सड़क से लेकर सदन तक इसका विरोध किया जाएगा। हरीश रावत ने यह भी कहा कि इस समझौते के खिलाफ जरूरत पड़ी तो अदालत में भी याचिका दायर की जाएगी। बहुत जल्द इस समझौते के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ता राज्यपाल से मिलेंगे और ज्ञापन सौंपेंगे। हरीश रावत ने कहा कि वह 18 नवम्बर को हर साल इस घटना के विरोध में काला दिवस मनाएंगे।
आज कांग्रेसी मनाएंगे किसान विजय दिवस : कृषि कानून वापस लेने से कांग्रेस के नेता काफी खुश हैं। इसके लिए रविवार को किसान विजय दिवस मनाने का फैसला लिया गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सभी जिला अध्यक्षों को पत्र लिखा है और जिला मुख्यालय तथा महा पंचायत के स्तर पर रैली निकालने और सभा का आयोजन करने को कहा है। इसी के साथ सायं साढ़े छह बजे शहीद किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नेतृत्व में देहरादून में मशाल जुलूस निकाला जाएगा। हरीश रावत भी मशाल जुलूस में शामिल होंगे।