हरीश रावत की तमाम ना नुकुर के बाद आखिर मार्च 2016 में उनकी सरकार को उजाड़ने वाले हरक सिंह रावत कांग्रेस में घुसपैठ कर ही गए। हालांकि यह सब आसानी से नही हुआ। 5 दिन तक हरक सिंह से कांग्रेस ने अपने पुराने अपमान का पूरा बदला लिया। हरक से लिखवा तक लिया कि हरीश रावत की सरकार के आगे धामी सरकार दूर दूर तक मुकाबला नही कर पाई। माफी भी मनवा ली कि कांग्रेस छोड़ना उनके राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी भूल थी।
भाजपा से निष्कासित और धामी मंत्रिमंडल से बर्खास्त किये गये प्रदेश के कद्दावर नेता हरक सिंह रावत को नई दिल्ली में कांग्रेस की सदस्यता दिलाई गई। हरक सिंह रावत ने एक सामान्य कार्यकर्ता की तरह कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करने का ऐलान किया है।
शुक्रवार को नई दिल्ली के कांग्रेस वार रूम में प्रदेश चुनाव प्रभारी अविनाश पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह आदि की मौजूदगी में पूर्व मुख्यमंत्री और चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने हरक सिंह के गले में कांग्रेसी पटका डालकर उन्हें कांग्रेस में शामिल कराया। हरक सिंह के साथ उनकी पुत्रवधू अनुकृति गुसांई ने भी कांग्रेस की सदस्यता ली है। पेशे से मॉडल अनुकृति गुसाईं को लैंसडाउन सीट से टिकट दिया जा सकता है। हरक सिंह रावत के टिकट को लेकर संशय है।
गौरतलब है कि पिछले रविवार को हरक सिंह रावत नई दिल्ली गये थे और कांग्रेस नेताओं से मिलने का प्रयास किया था। कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं से मिलकर पार्टी में शामिल होने को लेकर वह कोई बात कर पाते इससे पहले भाजपा ने उन्हें पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया और मुख्यमंत्री धामी ने उन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया। उसके बाद हरक सिंह रावत का कांग्रेस में शामिल होना भी लटक गया। क्योंकि पूर्व सीएम और कांग्रेस चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष हरीश रावत नहीं चाहते थे कि हरक सिंह को पार्टी में दोबारा लाया जाए।
वर्ष 2016 में कांग्रेस की सरकार गिराने और नौ विधायकों को तोड़कर भाजपा में ले जाने में हरक सिंह रावत की बड़ी भूमिका रही थी। इस कारण हरीश रावत नाराज थे। हालांकि प्रीतम सिंह और गणेश गोदियाल चाहते थे कि चुनावी संतुलन के लिए हरक सिंह का कांग्रेस में शामिल होना अच्छी बात है। इस कारण एक सप्ताह से हरक सिंह की कांग्रेस में वापसी लटकी हुई थी। लेकिन प्रियंका गांधी से मुलाकात और राहुल गांधी की मंजूरी के बाद हरक सिंह कांग्रेस में आने में सफल रहे।
हरक सिंह रावत ने कहा कि वह पार्टी आलाकमान को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने मुझे पार्टी में शामिल होने का मौका दिया। कहा कि बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए मैं गिलहरी बनकर काम करूंगा। बिना शर्त कांग्रेस में शामिल हुआ हूं। कांग्रेस में 20 साल मैंने काम किया है। पार्टी को दोबारा सत्ता में लाना और प्रदेश की तरक्की मेरा लक्ष्य होगा। हरक सिंह रावत ने स्वीकार किया कि वर्ष 2016 में जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था।