हरिद्वार के एक उपभक्ता को बीमा कम्पनी ने क्लेम देने से मना किया तो उन्होंने जिला उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया। फोरम ने शिकायत दर्ज होने के तीन माह में अपना निर्णय सुनाते हुए बीमित जली कार का बीमा क्लेम 67 लाख 50हजार रुपये का क्लेम का भुगतान करने का आदेश बीमा कम्पनी को दिया है। यह राशि एक माह के अंदर देनी होगी।
उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीगोपाल नारसन ने बताया कि रुड़की निवासी भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कमांडर मोहित कुमार चौधरी ने अपने घरेलू उपयोग के लिए एक कार पोरचे पैनामेरा खरीदी थी। जिसका बीमा पहले दिनांक 22 जुलाई सन 2020 को और फिर उसका नवीनीकरण दिनांक 18 जुलाई सन 2021को निर्धारित प्रीमियम देकर आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी से 17जुलाई सन 2022 तक के लिए कराया।इसी बीमित अवधि में दिनांक 13 अगस्त सन 2021 को छुटमलपुर के पास कार में अचानक आग लगने से उंक्त बीमित कार बुरी तरह से जल गई।
सूचना बीमा कंपनी को देने पर नियुक्त किये गए सर्वेयर अभिषेक गोयल ने अपनी 26 अगस्त सन 2021 की रिपोर्ट में बीमित कार में आग लगने व कार के क्षतिग्रस्त होने की पुष्टि की परन्तु बीमा कंपनी ने उंक्त रिपोर्ट के आधार पर क्लेम का भुगतान करने के बजाए अपने पत्र दिनांक 22 अक्टूबर सन 2021 के तहत उंक्त बीमा दावा गलत आधार पर अमान्य कर दिया और जानबूझकर कर कार में आग का कारण इंजन के बजाए ड्राइवर कम्पार्टमेंट से होना बता दिया।जिस पर उपभोक्ता द्वारा जिला उपभोक्ता फोरम हरिद्वार के समक्ष एक नवंबर 2021 को शिकायत दर्ज कराई गई।
जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष कंवर सैन सदस्यगण अंजना चड्ढा व विपिन कुमार ने दोनों पक्षो को सुनने के बाद पारित निर्णय आदेश दिनांकित 2 मार्च सन 2022 के तहत बीमा कम्पनी द्वारा अमान्य किए गए बीमा दावे को सेवा में कमी माना और बीमा कंपनी को एक माह के अंदर उपभोक्ता को बीमित क्लेम दावा राशि 6750000 रुपये मय 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज व क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय के रूप में कुल बीस हजार रुपये के अदा करने का आदेश दिया है।