कभी के एक प्याला एक निवाला रहे कांग्रेस के पूर्व विधायक रणजीत रावत और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आज के कट्टर सियासी दुश्मन बन चुके हैं। न खुद जीते और न दूसरे को जीतने दिया। रणजीत सल्ट से चुनाव हारे तो हरीश लालकुआं से। अब तोहमतो का दौर आ चुका है।
सल्ट से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे रणजीत रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि टिकट बंटवारे के नाम पर हरीश रावत ने कई लोगों को ठगा है। बहुत बड़ी धनराशि इकट्ठा की है।कुछ लोगों के पैसे हरीश रावत के मैनेजर लौटा चुके हैं कुछ लोग अभी भी उन के चक्कर काट रहे हैं।
कभी हरीश रावत के खासमखास सिपहसलार रहे रंजीत रावत सल्ट से विधानसभा का चुनाव लड़े थे और उन्हें हार का सामना करना पड़ा।हार के बाद उनका गुस्सा हरीश रावत पर फूट पड़ा है।मीडिया से बात करते हुए रंजीत रावत ने कहा कि हरीश रावत मासूमियत के साथ झूठ बोलते हैं। किसी भी नए राजनीतिक कार्यकर्ता और नेता को अफीम चटा देते हैं और अपने सम्मोहन में बांध कर रखते हैं।रंजीत रावत ने कहा कि उनका नशा भी 35 साल के बाद टूटा है।उन्होंने कहा कि पहले लोग हरीश रावत की बातों को समझते नहीं थे लेकिन अब समझने लग गए हैं।
रंजीत रावत ने कहा कि साल भर पहले उन्होंने बयान दिया था कि हरीश रावत की मनोदशा ठीक नहीं है।उनको आराम की जरूरत है। अभी भी इस बात पर कायम हूँ। उन्होंने कहा कि पहले हरीश रावत ने पहले एक उम्मीदवार के टिकट में रोड़ा लगाया।जब टिकट मिल गया तो अपने आदमी से मुस्लिम यूनिवर्सिटी का बयान दिलवाया।भाजपा के लोगों ने इस मुद्दे को घर-घर तक पहुंचाया।उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में हरीश रावत ने खुद उन्हें सल्ट के बजाय रामनगर से चुनाव लड़ने के लिए कहा और जब रामनगर में तैयारी शुरू कर दी है वापस सल्ट जाने के लिए कहा।जिसका उन्होंने विरोध किया था।
रंजीत रावत ने कहा कि साल भर पहले उन्होंने बयान दिया था कि हरीश रावत की मनोदशा ठीक नहीं है।उनको आराम की जरूरत है। अभी भी इस बात पर कायम हूँ। उन्होंने कहा कि पहले हरीश रावत ने पहले एक उम्मीदवार के टिकट में रोड़ा लगाया।जब टिकट मिल गया तो अपने आदमी से मुस्लिम यूनिवर्सिटी का बयान दिलवाया।भाजपा के लोगों ने इस मुद्दे को घर-घर तक पहुंचाया।उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में हरीश रावत ने खुद उन्हें सल्ट के बजाय रामनगर से चुनाव लड़ने के लिए कहा और जब रामनगर में तैयारी शुरू कर दी है वापस सल्ट जाने के लिए कहा।जिसका उन्होंने विरोध किया था।