जोरू का जोर वाकई अच्छे अच्छे को पानी पिला देता है। जोरू के जोर में राजा दशरथ ने राम को जंगल भेजा तो जोरू के जोर में राम सोने के मृग के पीछे चल दिए। जोरू के जोर में महाभारत की जंग हो गई। ऐसे ही जोरू के जोर के आगे झुक कर उत्तराखंड के एक सचिव की सोशल मीडिया पर खूब फजीहत हो गई।
डॉक्टरों की कमी झेल रहे उत्तराखंड में सचिव ने एक खुद्दार काबिल डॉक्टर के इस्तीफा ही करवा डाला है। नौकरशाही की मनमानी और घमंड का शिकार यह डॉक्टर बनी है।
वीरवार को सोशल मीडिया में एक घटना ने जबरदस्त सुर्खियां पाई और राज्य की सरकारी मशीनरी के कामकाज की पोल भी खोलकर रख दी। घटना के मुताबिक एक महिला डॉक्टर जब एक आईएएस के घर जाकर जांच करने में असमर्थता जताती हैं, तो एक घंटे के भीतर ही उनका ट्रांसफर कर दिया जाता है। अफसर की पत्नी की ओर से डॉक्टर को धमकी भी दी जाती है। इस बात से क्षुब्द होकर डॉक्टर को इस्तीफा देने को मजबूर होना पड़ा।
दरअसल वीरवार को दून मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. निधि उनियाल को आदेश आता है कि वह आईएएस डॉ. पंकज पांडे के घर जाएं और उनकी पत्नी का स्वास्थ्य परीक्षण करें। इस पर डॉ. निधि उनियाल ने कहा कि अस्पताल में मरीजों की लंबी लाइन लगी है। ऐसे में मरीजों को छोड़कर क्या किसी के घर जाना उचित है? विरोध करने के बाद भी जबरन डॉ. निधि उनियाल को सचिव के घर भेज दिया गया। डॉ. निधि जब आईएएस के घऱ पहुंची तो बीपी इंस्ट्रूमेंट गाड़ी मे भूल जाने पर अफसर की पत्नी आग बबूला हो गई औऱ डॉ पर रौब झाड़ने लगी। डॉ. उनियाल ने इसका विरोध किया और वह वापस अस्पताल चली आई। बताया जाता है कि इसके बाद मेडिकल कॉलेज के प्रचार्य ने डॉ. निधि उनियाल को सचिव की पत्नी से माफी मांगने को कहा। उन्होंने इस पर मना कर दिया।
उन्होंने कहा कि मेरी गलती है कि नहीं तो मैं किस बात पर माफी मांगू। इस घटना के कुछ ही घंटों के बाद सचिव पंकज पांडे की ओर से एक आदेश जारी किया गया। जिसमें कहा गया कि उन्हें फौरन अल्मोड़ा के सोबन सिंह जीना राजकीय आर्युविज्ञान एवं शोध संस्थान में संबंद्ध किया जाता है। अफसर के दबाव के बाद डॉ निधि ने पद से इस्तीफा दे दिया है। उधर इस बारे में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सचिव पंकज पांडे से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।
दरअसल वीरवार को दून मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. निधि उनियाल को आदेश आता है कि वह आईएएस डॉ. पंकज पांडे के घर जाएं और उनकी पत्नी का स्वास्थ्य परीक्षण करें। इस पर डॉ. निधि उनियाल ने कहा कि अस्पताल में मरीजों की लंबी लाइन लगी है। ऐसे में मरीजों को छोड़कर क्या किसी के घर जाना उचित है? विरोध करने के बाद भी जबरन डॉ. निधि उनियाल को सचिव के घर भेज दिया गया। डॉ. निधि जब आईएएस के घऱ पहुंची तो बीपी इंस्ट्रूमेंट गाड़ी मे भूल जाने पर अफसर की पत्नी आग बबूला हो गई औऱ डॉ पर रौब झाड़ने लगी। डॉ. उनियाल ने इसका विरोध किया और वह वापस अस्पताल चली आई। बताया जाता है कि इसके बाद मेडिकल कॉलेज के प्रचार्य ने डॉ. निधि उनियाल को सचिव की पत्नी से माफी मांगने को कहा। उन्होंने इस पर मना कर दिया।
उन्होंने कहा कि मेरी गलती है कि नहीं तो मैं किस बात पर माफी मांगू। इस घटना के कुछ ही घंटों के बाद सचिव पंकज पांडे की ओर से एक आदेश जारी किया गया। जिसमें कहा गया कि उन्हें फौरन अल्मोड़ा के सोबन सिंह जीना राजकीय आर्युविज्ञान एवं शोध संस्थान में संबंद्ध किया जाता है। अफसर के दबाव के बाद डॉ निधि ने पद से इस्तीफा दे दिया है। उधर इस बारे में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सचिव पंकज पांडे से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।