हल्द्वानी/राजेश सरकार: दस वर्ष पुराने हरे चन्दन के पेड़ को बिल्डिंग कॉन्ट्रेक्टर ने रातो-रात काट कर ठिकाने लगा दिया। इसकी भनक न तो वन महकमे को लगी और न ही पुलिस विभाग को। पड़ताल में यह सामने आया कि खाम के भूखण्ड पर वेयर हाउस (स्ट्रांग रूम) बना रहे ठेकेदार ने निर्माण के नाम पर 10 वर्ष पुराने चन्दन के पेड़ की बलि दे दी।
पीडब्ल्यूड़ी के दस्तावेजों में चन्दन का पेड़ काटने वाले ठेकेदार की फर्म उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में होना दर्शाई गई है। चन्दन के पेड़ काटे जाने के मामले में उदासीन बने वन महकमें ने ऐसे गंभीर मामले पर अभी तक कोई कार्रवाई क्यो नहीं की नगर में विषमय का विषय बना हुआ है।
ज्ञात हो कि नैनीताल रोड़ कालाढूंगी चौराहे पर स्थित बिजली स्टेशन के ठीक पीछे खाम की जमीन को शासन ने निर्वाचन विभाग नैनीताल को ईवीएम व विवि पैट्स के भंडारण के लिए वेयर हाउस ( स्ट्रांग रूम) बनाने को आवंटित किया है। इससे पहले उक्त भूखण्ड पर पटवारी चौकी हुआ करती थी। जिसे ठेकेदार ने तोड़ने के बाद उक्त भूखंड पर लगे दो पेड़ (एक चन्दन व एक आम का) जो करीब दस वर्ष पुराने थे रातो रात सम्बंधित विभाग की परमिशन लिए बिना काट दिए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि उक्त भूखण्ड के किनारे लगे आम के पेड़ को तो कार्यदायी संस्था ने दिन में ही कटवा डाला, लेकिन भूखण्ड के बीच में लगा पेड़ चन्दन का है इसकी जानकारी जब ठेकेदार को लगी तो उसने पेड़ को दिन में न काटकर उसे रात को जेसीबी से जड़ से ही उखड़वा दिया, ताकि किसी को चन्दन के पेड़ की जड़ तक न मिले। जिस रात चन्दन का पेड़ उखाड़ा गया तेज बरसात होने की वजह से मजदूरों ने मौके से कटे हुए चन्दन के तने व टहनियों को नही हटाया। सुबह होने पर जब आस पास रहने वालों ने चन्दन के पेड़ को उक्त भूखण्ड में खड़ा न देख धराशायी पाया तो मौके पर मजमा लग गया। इस दौरान प्रत्यक्षदर्शियों ने चन्दन के कटे पेड़ की अपने मोबाइल फोनों से वीडियो भी बनाई। लेकिन बाद में दोपहर होने पर ठेकेदार ने उक्त चन्दन के पेड़ को ठिकाने लगावा दिया। लोनिवि के ईई (अधिशाषी अभियंता) अशोक कुमार का कहना है कि हमें इस बारे में जानकारी नही है। भूखण्ड से झाड़ियां तो कटवाई गई थी। कार्यदायी संस्था से इस बारे में जानकारी जुटाई जाएगी।
पड़ताल में हैरतअंगेज बात यह सामने आई है कि जो भी संबंधित विभाग के अधिकारी मामले से अनभिज्ञता जता रहे हैं उन सबके संज्ञान में बात थी ।
जिसकी मुख्य वजह यह थी कि एक उच्च प्रसाशनिक अधिकारी ने वन विभाग से इसके चंदन का पेड़ होने की जांच कराई और साफ निर्देश दिए कि इसे मानकों के हिसाब से अन्यत्र स्थानांतरित किया जाए। पर ऐसा हुआ नहीं और तमाम विभागों के अधिकारियों के संरक्षण में बिल्डिंग कांट्रेक्टर ने रात के अंधरे में इस पेड़ की बलि चढ़ा दी।
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