• Mon. Feb 10th, 2025

जलवायु परिवर्तन से निपटने में बताई परंपरागत ज्ञान की महत्ता


Spread the love

श्रीनगर। हेमवती नन्दन बहुगुणा केन्द्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो. आरके मैखुरी ने हिमालयी क्षेत्र में समुदाय आधारित परंपरागत अनुकूलन विधियों पर किए गए अध्ययन का प्रस्तुतीकरण नेपाल की राजधानी काठमांडू में किया।
पर्यावरण विज्ञान विभाग में एपीएन जापान की ओर से वित्तपोषित शोध परियोजना “हिन्दूकुश हिमालयी क्षेत्र में परंपरागत व स्थानीय ज्ञान आधारित अनुकूलन व संचार अवधारणा” पर शोधकार्य चल रहा है। जिसके तहत किये गए अध्ययन को प्रो.आरके मैखुरी ने आईसीआईएमओडी मुख्यालय काठमांडू नेपाल में आयोजित दो दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला में प्रस्तुत किया। उन्होंने शोध परियोजना के तहत भारत में हो रहे शोध कार्यों पर प्रकाश डालते हुए जलवायु परिवर्तन से निपटने में परंपरागत ज्ञान की महत्ता बताते हुए इसके व्यापक स्तर पर प्रचार–प्रसार पर जोर दिया।
इस अवसर पर विभाग के अतिथि शिक्षक रविंद्र सिंह ने भी गढ़वाल हिमालय में परंपरागत चिकित्सा पद्धति तथा पशु–चिकित्सा में व्यापक रूप से प्रयुक्त होने वाले औषधीय पादपों के प्रति समुदाय आधारित ज्ञान पर हुए अध्ययन का प्रस्तुतीकरण दिया।
कार्यशाला के आयोजकों एपीएन– आईजीईएस, जापान तथा एचयूसी, नेपाल के प्रतिनिधियों के साथ–साथ उपस्थित सभी विशेषज्ञों द्वारा विभाग द्वारा किए गए अध्ययन व शोध की सराहना करते हुए हिंदूकुश क्षेत्र के साथ–साथ वैश्विक परिदृश्य में इसकी प्रासंगिकता पर जोर देते हुए इसे आत्मसात किए जाने पर बल दिया गया।
कार्यशाला में भारत के अलावा जापान, नेपाल, भूटान, चीन, म्यांमार, ताइवान, बांग्लादेश तथा पाकिस्तान आदि देशों के 50 से अधिक विषय विशेषज्ञों व प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
नॉर्दर्न रिपोर्टर के लिए आवश्यकता है पूरे भारत के सभी जिलो से अनुभवी ब्यूरो चीफ, पत्रकार, कैमरामैन, विज्ञापन प्रतिनिधि की। आप संपर्क करे मो० न०:-7017605343,9837885385