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उक्रांद में टूटी 44 साल की परंपरा, पहला चुनाव जीतकर केंद्रीय अध्यक्ष बनने का रिकार्ड बना गए पूरण सिंह कठैत


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– ✍🏿अनसूया प्रसाद मलासी
गैरसैंण (चमोली): उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) का 22वां द्विवार्षिक महासम्मेलन दल द्वारा 1992 में प्रस्तावित उत्तराखंड राज्य की राजधानी चंद्रनगर (गैरसैंण) में हुआ। यहाँ हुए चुनाव में मतदान के बाद पूरण सिंह कठैत पार्टी के नये केंद्रीय अध्यक्ष चुने गए। इसी के साथ पार्टी में 44साल से चली आ रही सर्वसम्मति की परंपरा तोड़कर पूरण सिंह कठैत ने नया इतिहास रच डाला।
गैरसैंण में रविवार को श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम के ‘स्वामी मनमथन सभागार’ में यूकेडी का सम्मेलन हुआ। इसमें प्रदेश के सभी जिलों से पार्टी के वरिष्ठ नेता, डेलीगेट्स और जिलाध्यक्ष मौजूद रहे। सम्मेलन की शुरूआत दल के संरक्षक और राज्य आंदोलनकारी इंद्रमणि बडोनी और विपिन त्रिपाठी को पुष्पांजलि अर्पित कर तथा दीप प्रज्वलन के साथ ही राज्य आंदोलन में उनके योगदान को याद किया गया।
सम्मेलन में दल की द्विवार्षिक रिपोर्ट पढी़ गई। वक्ताओं ने कहा कि पार्टी ग्राम व नगर स्तर पर सुदृढ़ संगठन और जनता से जुड़े मुद्दों के लिए निरंतर संघर्ष के बल पर मतदाताओं का विश्वास हासिल कर सकती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता निवर्तमान केंद्रीय अध्यक्ष व पूर्व विधायक काशी सिंह ऐरी ने की।

95 मतों से हुए विजयी,4 उम्मीदवार थे मैदान में: उत्तराखंड क्रांति दल के 44 साल के इतिहास में अध्यक्ष पद के लिए पहली बार मतदान प्रक्रिया अपनाई गई। अब तक सर्वसम्मति से ही अध्यक्ष पद का चुनाव होता था। इस बार अध्यक्ष पद के लिए में 4 नेता चुनाव मैदान में थे। सर्वश्री पूरन सिंह कठैत, पंकज व्यास, ए.पी. जुयाल और देवेश्वर भट्ट। चुनाव में सर्वाधिक 95 मत पाकर पूरन सिंह कठैत विजयी रहे। चुनाव की प्रक्रिया संपन्न कराने के लिए प्रताप कुंवर व समीर मुंडेपी चुनाव अधिकारी तथा देवेंद्र चमोली मतदान अधिकारी बनाए गए थे।

…और नहीं पाई सर्वसम्मति :ऐसा नहीं कि पार्टी में सर्वानुमति बनाने के प्रयास नहीं हुए हों। चार दौर की बातचीत के बाद जब किसी एक पर सहमति नहीं बन पाई। अंतिम प्रयास के रूप में मतदान से ठीक पहले आधा घंटे तक अध्यक्ष पद के उम्मीदवार और दल के वरिष्ठ नेता एक कमरे में बंद होकर इस पर मंथन करते रहे। परिणाम नहीं निकलने पर मतदान की घोषणा की गई। पूरे दिन हो-हल्ला होता रहा। चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद दल के अध्यक्ष ने गैरसैंण बाजार में स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर आशीर्वाद लिया। शांति व्यवस्था के लिए भारी पुलिस बल वहां तैनात रहा।


बोले नए हाईकमान- युवाओं को पार्टी के साथ जोड़ा जाएगा:

पार्टी के नवनियुक्त अध्यक्ष पूरन सिंह कठैत ने कहा कि उक्रांद को मजबूत करना मेरी प्राथमिकता रहेगी। इसके लिए युवाओं को पार्टी के साथ जोड़ा जाएगा। गांवों से लेकर शहरों तक पार्टी कैडर का विस्तार किया जाएगा। प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ मजबूती से आवाज उठाएंगे। साथ ही जिस उद्देश्य के लिए राज्य बना था, उन्हें लागू कराने के लिए मिल-जुलकर संघर्ष के बूते सरकार पर दबाव बनाएंगे।

उक्रांद के अंदर लोकतंत्र मजबूत : वहीं, उक्रांद के निवर्तमान अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल में अभी तक अध्यक्ष का चयन सर्वसम्मति से होता था। पहली बार चुनाव हुआ है। इससे पता चलता है कि उक्रांद के भीतर आंतरिक लोकतंत्र कितना मजबूत है। ये नई पहल है। इससे पार्टी को और मजबूती मिलेगी। युवा, पार्टी से जुड़ने के लिए प्रेरित होंगे। अब उक्रांद की कमान युवाओं के हाथ में रहेगी।

इस दौरान अधिवेशन के संयोजक बहादुर सिंह रावत, सह संयोजक राजेन्द्र बिष्ट, पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष त्रिवेंद्र पंवार, पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट, पूर्व विधायक नारायण सिंह जंतवाल व पुष्पेश त्रिपाठी के साथ शांति प्रसाद भट्ट, सुरेन्द्र कुकरेती, सरिता पुरोहित, अर्जुन रावत, लताफत हुसैन, पान सिंह रावत, लुशन टोडरिया, मोहित डिमरी, बुद्धिबल्लभ ममगाईं आदि मौजूद रहे।

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