पिथौरागढ़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 अक्तूबर वीरवार को चीन-नेपाल और भारत की सीमा पर पिथौरागढ़ जिले के सीमांत गुंजी इलाके में पहुंचे। उन्होंने यहां से भगवान शिव की निवास स्थली आदि कैलाश के दर्शन किये। इस दौरान आयोजित एक जनसभा में अपने लगभग 45 मिनट के उद्बोधन के दौरान पीएम ने देश की वैज्ञानिक और आर्थिक प्रगति के साथ ही इस प्रगति में उत्तराखंड के योगदान को विस्तार से बताया। पीएम ने अपने उद्बोधन के जरिए देश को यह संदेश देना चाहा कि राष्ट्र की मजबूती और आर्थिक तरक्की के लिए केंद्र में भाजपा का सरकार रहना अति आवश्यक है।
मोदी ने सीमांत क्षेत्र का विकास नहीं करने का आरोप लगाते हुए पूर्व की सरकारों को जमकर कोसा। कहा कि हमारी सरकार किसी से भी नहीं डरती है। किसी को डराती भी नहीं है।पिथौरागढ़ के स्पोर्ट्स स्टेडियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4200 करोड़ की 29 परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं में सीमांत क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बढ़ाने वाली पुल और सड़क परियोजना भी शामिल है। इसी स्थान पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने नाम लिए बगैर कांग्रेस की पूर्व की सरकार की जमकर आलोचना की। कहा कि गरीबी हटाने के क्रम में गरीबों को हटाने वाली सरकार ने सीमांत क्षेत्र के विकास पर कभी ध्यान नहीं दिया। पूर्व की सरकारों का सोचना था कि यदि सीमांत गांव में विकास करेंगे तो इसका लाभ दुश्मन देश को होगा। हालांकि पीएम ने नाम नहीं लिया परंतु दुश्मन देश से उनका मतलब चीन से था। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार के इसी डर के कारण सीमांत के गांव खाली होते गये।
पीएम ने कहा कि आज की भाजपा सरकार किसी से भी नहीं डरती है। किसी को डराती भी नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने सीमांत क्षेत्र के विकास पर फोकस किया है। इसके लिए कई योजनाएं लागी गई है। वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सीमांत गांवों का विकास हो रहा है। सीमांत गांव को पहले अंतिम गांव कहा जाता था। हमने इसे पहले गांव का दर्जा दिया है। पीएम ने भारत की मजबूती का जिक्र करते हुए कहा कि आज भारत को दुनिया भर में गंभीरता से लिया जा रहा है। यह मोदी के कारण नहीं हुआ है। यह हुआ है देश की 140 करोड़ जनता के कारण, जिन्होंने एक मजबूत सरकार को देश में सेवा का मौका दिया है। यही कारण है कि आज का भारत दुनिया के किसी देश से हाथ मिलाता है और सिर्फ हाथ नहीं मिलाता है बल्कि दो बड़ी आंखें भी मिलाता है। इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत चीन सीमा पर स्थित पार्वती कुंड और आदि कैलाश पर्वत के दर्शन किये। सीमांत गांव गुंजी में जाकर सेना व आईटीबीपी के जवानों से मिले और स्थानीय रं समुदाय के लोगों से वार्ता की।