रामनगर:। छः दिन पूर्व पौड़ी जिले की गढ़वाल वन प्रभाग की दीवा रेंज स्थित धूमाकोट से रेस्क्यू किए गए बाघ को कॉर्बेट प्रशासन स्वास्थ्य परीक्षण के बाद कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ वन प्रभाग के कोर जोन के प्राकृतिक वातावरण में छोड़ दिया। 27 अक्तूबर को रेस्क्यू किए गए इस नर बाघ को रेस्क्यू 28 अक्तूबर को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए ढेला स्थित रेस्क्यू सेन्टर लाया गया था।
जहां कार्बेट टाइगर रिजर्व के वैटनरी डॉक्टर्स ने इस बाघ का स्वास्थ्य परीक्षण कर इसे प्राकृतिक आवास में रहने के लिए फिट पाया था। जिसके बाद इस नर बाघ को रेडियो कॉलर लगाये जाने के बाद मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में मंगलवार की दोपहर कार्बेट टाइगर रिजर्व के अन्तर्गत कालागढ़ रेंज के कोर जोन में सुरक्षित छोड़ दिया गया।
इस दौरान प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) / मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ. समीर सिन्हा ने वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी डब्लूडब्लूएफ. एवं कार्बेट टाइगर रिजर्व के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रतिदिन इस नर बाघ की गश्त कर रेडियो टेलीमेट्री के माध्यम से निगरानी किये जाने के निर्देश दिए गए हैं। बाघ के रेडियो कॉलरिंग तथा वन क्षेत्र में सुरक्षित छोड़ने के दौरान प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) / मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ. समीर सिन्हा, कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. धीरज पाण्डेय, कार्बेट टाइगर रिजर्व के वैटनरी डॉक्टर दुष्यंत शर्मा, एसडीओ बिजरानी अमित कुमार वासीकोटी, एसडीओ कालागढ़ डॉ. शालिनी जोशी, रेंज ऑफिसर ढेला संदीप गिरी, रेंज ऑफिसर कालागढ़ नन्द किशोर रूवाली, डब्लू.डब्लू.एफ. के मिराज अनवर, अजित कुमार चौहान आदि मौके पर मौजूद रहे।