उत्तरकाशी: माघ मेला (बाडाहाट कू थौलू)में मंगलवार की गीत सांस्कृतिक संध्या हिमाचल प्रदेश के सुपरहिट लोक गायक विक्की चौहान के नाम रही। सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम में भाजपा जिला अध्यक्ष सत्येन्द्र राणा , जिलधिकारी अभिषेक रूहेला पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, पुलिस उपाधीक्षक अनुज कुमार अतिथियों का जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण ने स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। सभी अतिथियों जनपद वासियों को घाघ मेला की शुभकामनाएं दी।
सुप्रसिद्ध लोक गायक विक्की चौहान के मंच पर आते ही पूरा माहौल तालियों से गूंज उठा। कार्यक्रम का आगाज छत्रधारी तू छत्र छाया तेरी, दुसो राती की अमर माया तेरी से कर झुमके-झुमके,सुले सुले सारे कदम मिला के सही पकड़े है, ये लगी नाटी” चमचमांदे तेरे दांदडू .ओ बाटीने, बिडरू न मानी ए मेरो जाना चोडपुर, गीतों पर लोगों को खूब नचाया व सही पकड़े हैं, ताड़ी झुमा, नीरू चाल्दी गुमुने, आदि नाटियों पर खूब रंग जमाया। विक्की के गीतों का रंग लोगों पर ऐसा चढ़ा की बूढ़े ,बच्चे, जवान युवक युवतियां और महिलाएं खुद को नहीं रोक पाए। लोगों ने इनके गीतों पर जमकर थिरके ।
बसों में गीत गाते-गाते स्टार गायक बन गए विक्की चौहान
हिमाचल के विक्की चौहान बसों में गीत गाते-गाते मशहूर पहाड़ी लोकगायक बन गए। विक्की ने बताया, ‘जब मैं यूनिवर्सिटी में पढ़ता था तो बसों में गाने गाता था। मेरे दोस्त सुनते थे।मैं गाते-गाते न जाने कब लोकगायक बन गया। मेरे प्रशंसक मुझे सराहते रहे। मैं आगे बढ़ गया। हिमाचल प्रदेश का पहला पहाड़ी वीडियो एलबम 2001 में मैंने बनाया। यह ‘नीरू चाली घूमदी गीत’ पर फिल्माया गया। ये गीत मूल रूप से मेरा नहीं है, मगर मेरे वीडियो ने इसे सुपर बना दिया। इसके बाद मेरा सबसे हिट गीत ‘झुमके-झुमके’ रहा। इस वक्त काफी नए-नए तरीके लोकगायकी में अपनाए जा रहे हैं।
350 से ज्यादा पहाड़ी नाटी और लोकगीत गा चुके है।वे अपनी संजोए हुए है। उनके लिए वे युवाओं तक इन लोकगीतों को पहुंचा रहे हैं।
विक्की बोले – मैंने कभी भी नेताओं और अफसरों की चमचागिरी नहीं की। मैंने किसी के तलवे चाटकर कार्यक्रम नहीं किए। मैं निजी समारोहों में ही ज्यादा कार्यक्रम करता हूं। मुझे अच्छा पैसा मिलता है। कई युवा कलाकार भीगी बिल्ली बनकर अधिकारियों से कार्यक्रम मांगते हैं। ये कलाकार की गरिमा के खिलाफ है। मैंने रेडियो में भी कभी नहीं गाया। दूरदर्शन में जरूर गाया।