पौराणिक कथाओं में #वरुणास्त्र का वर्णन मिलता है। इसका कंट्रोल स्वर्ग के राजा इंद्र के पास है। वरुणास्त्र के जरिए जब चाहो तब बारिश कराओ। बादलों की शिफ्टिंग कर लो। इंद्र को गोकुल पर बादल फाड़ना था, इसी अस्त्र के जरिए फाड़ दिया। भगवान कृष्ण को गोवर्धन उठाना पड़ा। कल इन्ही कृष्ण के जन्मदिवस पर उत्तराखंड के आपदा राहत मंत्री ने इस वरुणास्त्र का अतापता पब्लिक को जाहिर किया। मंत्री जी यानी धन सिंह रावत जी किसी को बता रहे हैं कि यह एक मोबाइल एप्लिकेशन यानी ऐप है, जिससे बादलों को इधर- उधर किया जा सकता है।
भरोसा तो करना ही होगा, वे पीएचडी वाले मंत्री हैं। पूरे लिखे पढ़े व्यक्ति हैं। डॉक्टरी वाले मंत्रीजी के इस खुलासे के बाद उन्हें भारत रत्न देने की मांग खड़ी होने लगी है। शायद नोबेल पुरस्कार भी मिल जाए तो आश्चर्य नहीं किया जाना चाहिए।
उच्च शिक्षा और आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह मीडिया से बातचीत के क्रम में कहते दिखाई दे रहे हैं कि आईआईटी रुड़की और कुछ अन्य शोध संस्थानों ने मिलकर एक ऐसा ऐप तैयार किया है जिसके जरिये पूर्व सूचना मिल सकती है कि आगे आने वाले कुछ समय के अंदर किस क्षेत्र में कितना बारिश होगी।
मंत्री कहते हैं कि इस पूर्व सूचना का लाभ यह होगा कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस के जरिए संबंधित क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया जाएगा।इससे जान और माल का नुकसान न्यूनतम स्तर पर पहुंच जाएगा। मंत्री यह भी कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि एक ऐसा ऐप भी बन चुका है जिसके जरिए हम बादलों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जा सकते हैं। यानी एक स्थान पर यदि बादलों का जमावड़ा अधिक हो गया है और बादल फटने जैसी घटना के संकेत मिल रहे हैं तो ऐसी स्थिति में उक्त एप के जरिए बादलों को दूसरे स्थान पर ले जाया सकता है। मंत्री कह रहे हैं कि वह भारत सरकार से इस ऐप के इस्तेमाल की अनुमति मांगेगे।