उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के उन बच्चों को जिनके माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु 21 वर्ष की आयु पूरी करने से पहले हो चुकी हो या फिर ऐसे बच्चे जो अनाथ आश्रम में पले बढ़े हैं, को सरकारी नौकरियों की सीधी भर्ती में पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने की अधिसूचना जारी कर दी है। कोरोना के दौरान ही सरकार द्वारा इस तरह का फैसला लिया गया था। राज्यपाल की मंजूरी के बाद इसकी अधिसूचना जारी की गई है। इसके लिए जिलाधिकारी कार्यालय में पंजीकरण आवश्यक होगा।
जारी अधिसूचना के अनुसार अनाथ आश्रम में पले बढ़े बच्चों के लिए क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था सिर्फ अनारक्षित पदों पर होगी जब ऐसे बच्चे जिनके माता पिता या अभिभावक की मौत के बावजूद उनका पालन पोषण अपने घरों में हुआ है तो उन्हें आरक्षित और अनारक्षित दोनों पदों पर क्षैतिज आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। कार्मिक विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में यह भी साफ किया गया है कि ऐसे लोगों को ही इसका लाभ मिलेगा जो उत्तराखंड के मूल निवासी होंगे या जिनका पालन पोषण प्रदेश के किसी राजकीय अनाथ गृह में हुआ है