तो अब उत्तराखंड में पांचवी तक की पढ़ाई स्थानीय भाषाओं गढ़वाली और कुमाऊंनी में होगी। शिक्षा मंत्री ने इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को संभावना तलाशने और प्रस्ताव तैयार करने को कहा है।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि प्रदेश में पहले से ही गढ़वाली और कुमाऊंनी भाषा की पढ़ाई करवाई भी जा रही है। अरविंद पांडेय ने नई शिक्षा नीति पर बोलते हुए कहा कि प्रदेश में पहली से पांचवी तक की पढ़ाई गढ़वाली-कुमांऊनी समेत स्थानीय भाषाओं में करवाने की तैयारी की जा रही है। बताते चलें कि विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रस्ताव तैयार किये जाने के बाद कैबिनेट में इसे रखा जाएगा और यदि कैबिनेट की सहमति बनती है तो इसे पाठ्यक्रम में लागू किया जाएगा। फिलहाल यह योजना प्रारंभिक अवस्था में है। गौरतलब है कि विधानसभा के मानसून सत्र में प्रश्नकाल के दौरान प्रारंभिक स्कूलों में स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई को लेकर सवाल पूछा गया था।