चमोली जिले में नन्दा अष्टमी की पूजा के लिए नीलकंठ पर्वत क्षेत्र गए बामणी गांव के फुलारी 13 सितम्बर को लौट आये हैं। फुलारियों के लौटने पर बामणी गांव में भक्तों ने जयकारों के साथ उनका स्वागत किया। यहां 14 सितम्बर को गांव के नन्दा मन्दिर में फुलारियों के लाये ब्रह्म कमल चढ़ा कर माँ नन्दा की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी।
नन्दा सप्तमी के पर्व पर उत्तराखंड के गांव गांव में माहौल नंदा माय हो जाता है। धार्मिक परंपराओं को जीवित रखे हुए ग्रामींण आज भी इस पर्व को भव्य तरीके से मनाते हैं। इसी धार्मिक परम्परा का निर्वहन करते हुए ग्रामीण आज भी लोकपर्व को मनाने के लिये उच्च हिमालयी क्षेत्र में जाकर ब्रह्म कमल लाकर माँ नन्दा की पूजा अर्चना करते हैं। जिसके तहत 12 सितम्बर को बामणी गांव से फुलारी बनकर नीलकंठ पर्वत की तलहटी में गए प्रवेश मेहता, अमनदीप भट्ट, सोमेश पंवार, सार्थक भट्ट सोमवार को माँ नन्दा की पूजा के लिए ब्रह्म कमल लेकर पहुंच गए हैं। इस दौरान ग्रामीणों ने धार्मिक परम्पराओं के तहत फुलारियों का भव्य स्वागत किया। इस मौके पर मानवेन्द्र भंडारी, अखिलेश पंवार, भगत सिंह मेहता, संजीव भंडारी, सत्यम राणा, कृष्णा मेहता, मयंक नैथानी, रॉबिन मेहता, आकाश मेहता रोहित भण्डारी, राघव पंवार आदि मौजूद थे।