अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी 20 सितंबर सोमवार को प्रयागराज में फंदे पर लटके मिले। सुसाइड नोट मिलने के बाद मामला आत्महत्या का प्रतीत होता है, लेकिन तमाम साधु संतों को किसी षड्यंत्र का शक है। इस मामले में उनके विवादित शिष्य #आनंद_गिरी सवालों के घेरे में हैं। यूपी पुलिस की सूचना पर उत्तराखंड पुलिस ने आनंद गिरी को अपनी निगरानी में ले लिया। सोमवार को जिस समय प्रयागराज में #नरेंद्र_गिरी की मौत हुई, उनके विवादित शिष्य आनंद गिरि हरिद्वार में मौजूद थे। गुरु की मौत की खबर सुनकर वे प्रयागराज के लिए निकलने की तैयारी में थे कि हरिद्वार पुलिस उनके कांगड़ी स्थित आश्रम पहुंच गई। पुलिस ने आनंद गिरि से पूछताछ करते हुए कहीं भी जाने से रोक दिया। आनंद गिरी को प्रयागराज से पुलिस आकर साथ ले जायेगी।
मीडिया से बात करते हुए आनंद गिरी ने कहा कि यह एक षड्यंत्र है। गुरुजी साजिश का शिकार हो गए हैं। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। आनंद गिरी ने कहा कि पिछले एक डेढ़ साल से उन्हें गुरु से अलग करने की साजिश चल रही थी। कुछ लोगों की नीयत मठ की जमीन पर थी। मैं जमीन बेचे जाने के ख़िलाफ़ था। गुरु नरेंद्र गिरी को कुछ लोगों ने उनके खिलाफ भड़काया था। इसके चलते वे नाराज हो गए थे।बाद में मैंने माफी मांग ली थी और पूरा प्रकरण समाप्त हो गया था।
आनंद गिरी ने कहा यूपी सरकार से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग नहीं चाहते थे कि गुरु-शिष्य साथ रहें। हालांकि उन्होंने षड्यंत्र करने वाले लोगों के नाम का खुलासा नहीं किया। उन्होंने कहा कि इससे उन्हें भी ख़तरा हो सकता है।
दूसरी ओर नरेंद्र गिरी के निधन पर देश की तमाम हस्तियो ने दुख जताया है। साधु संतो ने इस मामले की गहन जांच की मांग की है।नरेंद्र गिरी ने सुसाइड नोट में किसी एक शिष्य से परेशान होने की बात लिखी है।