भारत तिब्बत चीन सीमा से लगे चमोली जिले के मलारी बुरांश में चमोली पुलिस की ओर से उत्तराखंड पुलिस बार्डर विकास उत्सव का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सीमांत गांवों के दर्जनों गांवों के ग्रामीणों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के माध्यम से सीमांत गांवों की संस्कृति से भी अधिकारी, कर्मचारी रूबरू हुए।
पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने बुरांश मैदान में दो दिवसीय उत्तराखंड पुलिस बार्डर विकास उत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ किया। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस उत्सव का मुख्य मकसद पुलिस व सीमांत क्षेत्र के ग्रामीणों में मेलजोल की भावना पैदा करना था। कहा कि पहाड़ी जनपद चमोली के इस क्षेत्र में भोटिया जनजाति की संस्कृति अपने आप में अलग महत्व रखती है।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पहाड़ों व खासकर सीमांत क्षेत्रों से पलायन एक बड़ी समस्या उभरकर सामने आ रही है। इसका मुख्य कारण सीमांत क्षेत्रों तक विकास न पहुंचना माना जाता रहा है। कहा कि सीमांत क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए सरकार कई विकास के कार्यक्रम संचालित कर रही है। इस कार्यक्रम का एक मकसद यह भी था कि सीमांत क्षेत्रों का विकास हो, यहां अधिक से अधिक सुविधाएं पहुंचे और यहां से पलायन न हो।
यशवंत चौहान ने बताया कि सरकार द्वारा राज्य के सभी सीमांत क्षेत्रों में इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान पुलिस अधिकारियों ने सीमांत क्षेत्रों से यहां पहुंचे ग्रामीणों को सम्मानित भी किया। उत्सव के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रमों में झुमेलो, भोटिया नृत्य, चौंफला, बगड़वाल नृत्य का आयोजन भी किया गया। इसके अलावा खेलकूद प्रतियोगिताओं में क्रिकेट, कैरम, चेस, बालीवाल, रस्साकस्सी का आयोजन भी हुआ।