उपनल कर्मचारियों के वेतन में न्यूनतम दो हजार और आशा कार्यकत्रियों के मानदेय में डेढ़ हजार रुपये की वृद्धि के प्रस्ताव को प्रदेश मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। इससे 22 हजार से अधिक उपनल कर्मचारियों और 12 हजार से अधिक आशा कार्यकत्रियों को लाभ मिलेगा।
मंगलवार को प्रदेश सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इस बैठक में 29 से अधिक प्रस्तावों पर विचार हुआ जिनमें 26 पर फैसले लिये गये। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने इन फैसलों की जानकारी दी। बताया कि उपनल कर्मचारी लंबे समय से वेतन बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे। इस वर्ष जून में उन्होंने कई दिनों तक धरना प्रदर्शन भी किया था। इसके बाद कैबिनेट मंत्री हरक सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गयी। इस कमेटी में गणेश जोशी और धन सिंह रावत सदस्य बनाए गए थे। कमेटी ने सितम्बर में ही अपनी रिपोर्ट तैयार ली थी। मंगलवार को आयोजित कैबिनेट में इस रिपोर्ट पर विचार हुआ। सरकार ने फैसला लिया है कि जिन कर्मचारियों की नौकरी 10 साल की है उनके दो हजार रुपये और 10 साल से अधिक समय से नौकरी वाले कर्मचारियों के वेतन में तीन हजार रुपये की बढ़ोतरी की जाएगी। साथ ही यह भी तय किया गया कि सभी उपनल कर्मचारियों के वेतन में प्रति वर्ष एक निश्चित रकम की बढ़ोतरी की जाएगी। बैठक में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के वेतन में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव पर भी विचार हुआ। कैबिनेट ने सर्व सहमति से इस मामले पर अंतिम फैसला लेने के लिए सीएम को अधिकृत किया गया। इसके अतिरिक्त कैबिनेट ने आशा कार्यकत्रियों के मानदेय में प्रतिमाह एक हजार रुपये की बढ़ोत्तरी पर भी मुहर लगाई है। उन्हें पांच सौ रुपये प्रति माह प्रोत्साहन राशि के रूप में दी जाएगी। यह भी तय किया गया कि आशा कार्यकत्री, मिनी कार्यकत्री और सहायिका किसी का भी मानदेय साढ़े छह हजार रुपये से कम नहीं होगा। आशा कार्यकत्रियां भी मानदेय में वृद्धि के लिए लंबे समय से उद्वेलित थीं।