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श्री ज्वालपा देवी मंदिर समिति के चुनाव सम्पन्न, पार्थसारथी बने पीआरओ


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पौड़ी जिले में स्थित सिद्धपीठ ज्वालपा धाम है। इस धाम में यात्री सुविधाओं को बढ़ाने और संस्कृत विद्यालय – महाविद्यालय के संचालन को सूचारु रखनेवाली संस्था श्रीज्वालपा देवी मंदिर समिति की विस्तारित वार्षिक बैठक और समिति के द्विवार्षिक चुनाव 12 अक्टूबर 2021 को ज्वालपा देवी धाम में आयोजित हुए। समिति के अध्यक्ष कर्नल शांति प्रसाद थपलियाल स्वास्थ्य कारणों से बैठक में ऑन लाईन जुड़े। बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री विजय चंद्रा (डंडरियाल) ने की। बैठक के आरंभ में समिति के पूर्व सचिव बुद्धिबल्लभ धीश थपलियाल को मौन श्रद्धांजलि दी गई। बुद्धिबल्लभ थपलियाल जी ने लगभग 30 वर्षों तक समिति की विभिन्न स्थितियों में सेवा की।

समिति की नई कार्यकारिणी का चुनाव के लिए श्री प्रवेश चंद्र नवानी को चुनाव अधिकारी मनोनीत किया गया। निम्नलिखित सदस्यों का विभिन्न पदों के लिए चयन सर्व सम्मति हुआ- कर्नल (रि) शांति प्रसाद थपलियाल -अध्यक्ष
श्री विजय चंद्रा (डंडरियाल) वरिष्ठ उपाध्यक्ष, श्री शिवदयाल बौंठियाल (कनिष्ठ उपाध्यक्ष, श्री रमेश थपलियाल, (मुख्य सचिव) श्री वासवानन्द खंतवाल (कोषाध्यक्ष), श्री नागेन्द्र थपलियाल (व्यवस्थापक), श्री सुरेश थपलियाल, सह व्यवस्थापक, श्री उमेश नौडियाल (उपसचिव) श्री पार्थसारथि थपलियाल (जनसंपर्क अधिकारी), श्री अनिल चमोली (मुख्यनिर्माण परामर्शदाता), मुकुल थपलियाल (निर्माण अधिकारी), श्री पी एल खंतवाल (विद्यालय प्रबंधक), श्री पवन नौडियाल (धर्म शिक्षक) सर्वसम्मति से निर्वाचित हुए।
नवनिर्वाचित कार्यकारिणी की पहली बैठक में निम्नलिखित विषयों पर चर्चाएं की गई। विद्यालय प्रबंधक श्री पी एल खंतवाल ने ज्वालपा देवी संस्कृत विद्यालय पर अपनी आख्या प्रस्तुत की। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान रखते हुए श्री सत्यप्रकाश थपलियाल ने विद्यालय की चार दीवारी के लिए काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसमें विद्यार्थी संख्या, परीक्षा और महाविद्यालय के लिए मान्यता का संकट के मद्देनजर विस्तृत विमर्श किया गया। श्री भास्कर ममगाईं के एक आवेदन पर निर्णय करने के लिए तीन सदस्यों की एक कमेटी बना दी गई। समिति शीघ्र अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव को देगी। ऑन लाइन शिक्षण जैसे बिंदुओं पर चर्चा हुई। बैठक में वृद्धाश्रम के निर्माण और उस पर आने वाले खर्च पर भी चर्चा की गई। श्री विजय चंद्रा जी का प्रस्ताव था कि मंदिर समिति से सम्बद्ध कोई भी कर्मचारी अनुशासन हीनता करते हुए पाया जाय उसे तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाय।
श्री शिवदयाल बौंठियाल ने अंत मे आभार व्यक्त किया। श्री चंद्रा ने शिक्षक कल्याण निधि में उन्होंने एक लाख रुपए का अंशदान किया। सभी ने करतल ध्वनि से उनका स्वागत किया।

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