उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए निर्वाचन आयोग से इसकी शिकायत की है। हरीश रावत ने यह भी कहा है कि यदि कांग्रेस की सरकार सत्ता में आती है तो वह आचार संहिता के लागू होने के बाद शासन द्वारा किये गये सभी फैसलों की की जांच कराएंगे और दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
सोमवार को पूर्व सीएम रावत ने राजीव भवन में पत्रकार वार्ता की और उन सभी आरोपों को फिर से दोहराया जो उन्होंने पिछले दिनों लगाये थे। हरीश रावत ने कहा कि सचिवालय में धनबल का नग्न खेल हुआ है। भ्रष्टाचार की सड़ांध से न केवल सचिवालय बल्कि उसके अगल बगल का सारा इलाका महक रहा है। आचार संहिता लागू हो जाने के बाद संडे को भी सचिवालय खुले और बैक डेट में तबादले और पोस्टिंग किये गये। कहा कि मेरे पास हालांकि अभी पुख्ता सबूत नहीं है, लेकिन जानकारी में आई है कि सभी जिला आबकारी अधिकारियों को फोन किया गया है और भाजपा प्रत्याशियों को शराब उपलब्ध कराने को कहा गया है।
हरीश रावत ने कहा कि भाजपा इस बार के विधानसभा चुनाव को मदिरामय बनाना चाहती है। हरीश रावत ने कहा कि हम चाहते हैं कि अधिकारी निष्पक्ष होकर चुनाव आयोग की गाइडलाइन का पालन करें। जो ऐसा नहीं कर रहे हैं वह न केवल चुनाव आयोग के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं बल्कि उत्तराखंड की जनता की नजर में भी अपराध कर रहे हैं। बहरहाल उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने इ विजिल ऐप और फैक्स के जरिए सरकार द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन के तमाम मुद्दों की लिखित शिकायत चुनाव आयोग से की है।
कांग्रेस ने आयोग से मांग की है कि वह उन सभी विभागों के कम्प्यूटर व अन्य उपकरण जब्त करें जहां बैक डेट में तबादले और प्रमोशन किये गये हैं। उन्होंने विधानसभा में बैकडोर की नियुक्तियों पर भी सवाल खड़ा किया है। कहा कि कांग्रेस बहुत जल्द उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर देगी।
कांग्रेस ऑनलाइन रैलियों को तैयार : हरीश रावत ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए उन्होंने आनलाइन चुनाव प्रचार का काम शुरू कर दिया है। रविवार को उन्होंने गढ़वाल मंडल की ऑनलाइन रैली की जिसमें 20 से 22 हजार लोग लाइव जुड़े। एक लाख से अधिक लोगों ने इस कार्यक्रम को देखा। उन्होंने कहा कि ऐसा ही कार्यक्रम उन्होंने कुमाऊं मंडल के लिए भी सोमवार को किया है।