विधानसभा चुनाव के नामांकन की प्रक्रिया 21 तारीख से शुरू हो चुकी है और इस प्रक्रिया के खत्म होने में मात्र 3 दिन बाकी बचे हैं। लेकिन अब तक कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल डोईवाला सीट पर कोई फैसला नहीं ले पाए हैं । पहले इस सीट पर भाजपा के सीटिंग विधायक पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की दावेदारी चल रही थी कि अचानक उनका मन बदल गया और उन्होंने पार्टी हाईकमान को चुनाव न लड़ने की बाबत चिट्ठी लिख दी।
इस सीट पर भाजपा के सौरभ थपलियाल और जितेंद्र नेगी का नाम त्रिवेंद्र के बाद चल रहा था। अब सूची में समर महंत भी कुछ कूद पड़े हैं। जानकारी के अनुसार समर महंत ने भी इस सीट पर दावेदारी ठोक दी है।
समर महंत 1996 से भाजपा के कार्यकर्ता हैं। इन्हें भाजपा में शामिल करने वाले खुद त्रिवेंद्र सिंह रावत और धर्मपुर के विधायक विनोद चमोली हैं। समर महंत पार्टी के शीर्ष नेताओं के बीच भी अच्छी जान पहचान रखते हैं। इसके अलावा रमेश पोखरियाल निशंक और सतपाल महाराज के लिए उनके चुनाव में विशेष तौर पर काम कर चुके हैं समर महंत के पक्ष में यह भी जाता है कि वह डोईवाला क्षेत्र के मूल निवासी हैं और किसान भी हैं। इसके अलावा समर ने कभी भी किसी प्रत्याशी के खिलाफ ना तो कुछ बोला और ना ही कभी विरोध किया। वह हमेशा पार्टी उम्मीदवार को जिताने में तन मन और धन तीनों से जुटे।
अब देखना यह होगा कि पार्टी त्रिवेंद्र सिंह रावत की चिट्ठी को ध्यान में रखकर उन्हें टिकट से वंचित करती है अथवा उन पर भरोसा जताकर उन्हें ही टिकट देती है या फिर सौरभ थपलियाल जितेंद्र नेगी और समर महंत में से किसी एक पर दांव लगाती है या फिर किसी पैराशूट प्रत्याशी(जिसका विरोध तय है) को उतारती है।