लो जी, जिस बात का भाजपा को भय था। जिस सवाल का सीधा जवाब देने से भाजपा बच रही थी। जिस असहज स्थिति से बचने के चक्कर में कपूर परिवार का टिकट अंग्रेजी के ” 8 ” की तरह बेटे के बजाय माताजी को दिया गया। और तो और जिस सवाल को उठाने से मुख्य विपक्षी दल के उम्मीदवार भी अब तक चुप थे। वो मामला आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार ने पत्रकारों के आगे उछाल ही दिया।
देहरादून कैंट विधानसभा सीट से आप प्रत्याशी रविंद्र सिंह आनंद ने कैंट सीट से भाजपा प्रत्याशी सविता कपूर पर बीहाइव सोसाइटी के अध्यक्ष रहते हुए कोरोड़ों की छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया है। कहा कि छात्रों के हक के पैसे सविता कपूर के अध्यक्ष रहते कॉलेज के लोन अकाउंट में डाला गया।
बुधवार 2 फरवरी को पार्टी प्रदेश कार्यालय में आप के प्रवक्ता व कैंट से प्रत्याशी रविंद्र सिंह आनंद ने कहा कि प्रदेश में कोरोड़ों रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले की एसआईटी जांच चल रही है। कई पर एसआईटी शिकंजा कस चुकी है, जिसमें सविता कपूर के बेटे अमित कपूर भी दोषी पाए गए हैं। उन्होंने सभी दस्तावेज मीडिया के सामने रखते हुए कहा कि भाजपा अंतिम व्यक्ति तक शिक्षा, स्वास्थ्य, पहुंचाने का जुमला कहती है और दूसरे तरफ इनके प्रत्याशी कई सालों से अपनी सोसाइटी के जरिये गरीब, दलित छात्रों की छात्रवृत्ति का पैसा डकार रहे हैं। कहा कि 45 से ज्यादा छात्रों को 2012 से 2017 तक मिलने वाली छात्रवृति पांच करोड़ से ऊपर समाज कल्याण से जारी हुई लेकिन वो पैसा छात्रों तक पहुंचाने के बजाय सविता कपूर के अध्यक्ष रहते हुए इनके तीन कॉलेज के लोन अकाउंट में ट्रांसफर किया गया।
इसके अलावा फर्जीवाड़ा करते हुए 19 ऐसे छात्रों के दस्तावेजों का प्रयोग किया गया, जिनका तीनों कॉलेजों में एडमिशन कर उनके नाम पर छात्रवृत्ति का पैसा लिया। इस घोटाले में अमित कपूर की भूमिका को देखते हुए उनकी भी जांच हुई जिसमें एसआईटी ने अपनी विवेचना में उनके उपर लगे आरोपों सही पाए गए। इस दौरान सविता कपूर सोसाइटी की प्रेसिडेंट रही।
रविंद्र ने कहा कि सवाल उठता है कि क्या इनके संज्ञान के बिना इतना बड़ा घोटाला हो सकता है। अगर इनके संज्ञान में नहीं था तो अचानक एक दिसम्बर 2020 को इन्होंने इस्तीफा क्यों दिया। इस पूरे घोटाले में सविता कपूर भी इतनी ही दोषी है जितना उनका बेटा। ऐसे लोग जनता के हक के पैसों को खा कर जनप्रतिनिधि बनने की कोशिश करते है। आज इनका सच सबके सामने आ गया है। ये पूरी तरह से इस घोटालों में दोषी हैं।
रविंद्र सिंह आनंद ने स्वर्गीय हरबंस कपूर के काल में बोतल में बंद इस छात्र वृत्ति घोटाले के जिन्न को बाहर निकाल दिया है। चुनावी मैदान में उतरी सविता कपूर पर यह घोटाले का जिन्न भारी पड़ता है या जनता इसे “सहज भाव” से लेकर सहानुभूति रखते हुए उन्हें अपना विधायक बनाती है, यह भी देखने वाली बात होगी।