उत्तराखंड की 5वीं विधानसभा के गठन के लिए 14 फरवरी को राज्य की सभी 70 सीटों पर शांतिपूर्ण मतदान हो गया। राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती सौजन्या के मुताबिक भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सभी क्षेत्रों के 11,697 मतदेय स्थलों पर लगभग-62.5 प्रतिशत मतदान हुआ है। मतदान का यह आंकड़ा वर्ष 2017 में हुई वोटिंग से कम है। वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी। हालांकि मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने यह भी कहा है कि सभी पोलिंग पार्टियों के जिला मुख्यालयों पर लौटने के बाद फाइनल वोटिंग प्रतिशत का पता चलेगा। इस बार सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए 632 प्रत्याशी मैदान में हैं।82 लाख से अधिक मतदाताओं को इस बार मतदान का मौका मिला था।
सौजन्या ने बताया कि राज्य में लगभग 80 हजार अधिकारियों/कर्मचारियों तथा लगभग-40 हजार सुरक्षा कर्मियों, जिसमें केन्द्रीय अद्धैसैनिक बल सहित लगभग-1.20 लाख कार्मिकों को निर्वाचन प्रक्रिया के सफल सम्पादनार्थ मतदान कार्मिक आदि के रूप में निर्वाचन संबंधी विभिन्न दायित्वों के लिए तैनात किया गया था।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती सौजन्या ने बताया कि आज मतदान के दिनांक को मॉकपोल से मतदान की समाप्ति तक लगभग-137 बी.यू. तथा 155 सी.यू. एवं 294 वीवीपैट में कुछ तकनीकी खराबी की सूचना प्राप्त हुई थी जिन्हें तत्काल सेक्टर मजिस्ट्रेटों के द्वारा रिजर्व मशीनों से बदल दिया गया था। मतदान पार्टियों के वापस संग्रह केन्द्र पर लौटने के पश्चात ही इस संबंध में अंतिम आंकड़े जारी किए जा सकेंगें। मतदान की समाप्ति के पश्चात दिनांक 14 फरवरी, 2022 की देर रात्रि तक 11,697 मतदान पार्टियों में से 9,385 मतदान पार्टियां दिनांक 14 फरवरी, 2022 को ही संग्रह केन्द्रों पर लौट जायेंगी और शेष दूरस्थ क्षेत्र की कुल-2,312 मतदान पार्टियां दिनांक 15 फरवरी, 2022 को संग्रह केन्द्रों पर लौटेंगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती सौजन्या ने राज्य के सभी संभ्रान्त नागरिकों/मतदाताओं का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने कोविड के प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए मतदान में प्रतिभाग कर, मतदाता के रूप में अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्य का निर्वहन किया। उन्होंने निर्वाचन ड्यूटी में तैनात उन सभी अधिकारियों/कर्मचारियों तथा सुरक्षा कर्मियों का भी आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने पूर्ण निष्ठा, ईमानदारी एवं स्वतंत्र तथा निष्पक्ष पारदर्शिता के साथ अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन करते हुए शांतिपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया में अहम भूमिका निभायी। उन्होंने सभी राजनैतिक दलों तथा निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों का भी आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने राज्य की आपसी भाईचारे की परम्परा को कायम रखते हुए शांतिपूर्ण निर्वाचन में अपना विशेष योगदान दिया।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती सौजन्या ने राज्य के इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिन्ट मीडिया का भी आभार व्यक्त करते हुए कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया में उनके अतुलनीय सहयोग से प्रत्येक नागरिक/मतदाता की पहुँच सुगम हो सकी।
पिछले चुनाव से कम मतदान : साल 2017 के विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड का कुल मतदान प्रतिशत 65.60 रहा था। हरिद्वार, यूएसनगर, नैनीताल और उत्तरकाशी को छोड़कर शेष जिलों का मतदान प्रतिशत राज्य के औसत से कम था। इसमें हरिद्वार जिले में लक्सर में सर्वाधिक 81. 95 प्रतिशत मतदान और अल्मोड़ा के सल्ट में सबसे कम 46.01 प्रतिशत मतदान हुआ था। वर्ष 2012 के चुनाव में भी मतदान का प्रतिशत 62 के आसपास रहा था।इ
इस तरह बढ़ता गया प्रतिशत :सुबह नौ बजे तक 5.15 प्रतिशत मतदान हुआ। उसके बाद अपराह्न 11 बजे तक 18.97 प्रतिशत, एक बजे तक 35.21 प्रतिशत, तीन बजे तक 49.24 प्रतिशत और पांच बजे तक 59.37 प्रतिशत मतदान हुआ। छह बजे के बाद 62.5 प्रतिशत का दावा किया गया। भारत निर्वाचन आयोग को यही आंकड़ा भेजा गया है।