उत्तराखंड के राजकीय उद्यान विभाग के सीनियर अधिकारियों ने अपने सर्वोच्च अधिकारी के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक लिया है। अपने निदेशक के खिलाफ माेर्चा खोलने वालों में कोई मामूली कर्मचारी या अधिकारी नही, वरन अपर निदेशक स्तर से लेकर जिला स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। विभाग के 22 अधिकारियों ने सचिव को पत्र लिखकर साफ कह दिया कि वे निदेशक पद पर बैठे डा. हरमिंदर सिंह बवेजा के साथ काम करना संभव नहीं।
उत्तराखंड की जनता को औद्यानिकी के जरिए सुखद भविष्य के सपने दिखाने वाले उद्यान विभाग में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। फिलहाल विभागीय मंत्री बीमार हैं और सचिव जांच कार्यों के निपटाने में लगे हैं।अभी तक सामाजिक कार्यकर्ता ही निदेशक के खिलाफ तमाम आरोपों को लेकर मुखर थे। साथ ही निचले स्तर के कर्मचारी निदेशक बवेजा से नाराज चल रहे थे, लेकिन अब विभाग के वरिष्ठतम अधिकारियों ने भी निदेशक के खिलाफ माेर्चा खोल दिया है।
इन अफसरों ने सचिव को लिखे पत्र में बवेजा पर गंभीर आरोप लगाया है कि वे लगातार अधिकारियों पर दबाव बनाकर नियमों के विपरीत काम करवा रहे हैं। निदेशक की विकृत कार्यप्रणाली और कार्यशैली के कारण अधिकारी डा. बवेजा के साथ काम करने में असहज महसूस कर रहे हैं। इन अफसरों ने अनियमितताओं की आशंका के कारण बवेजा के निदेशक पद पर रहते हुए काम करने में असमर्थता जताई है। पत्र की कॉपी मुख्यमंत्री और उद्यान मंत्री के कार्यालय में भी भेजी है।
उधर, इस मामले में उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि “मुझे अधिकारियों का पत्र मिला है। तबियत खराब है। पत्र को मैने सचिव को मार्क कर दिया है। तीन-चार दिन में इस प्रकरण में पूरी जानकारी लेकर निस्तारण करूंगा।” जबकि सचिव वीवीवीआर पुरूषोत्तम ने कहा,मैने पत्र देखा नहीं है, इसलिए अभी कुछ नहीं कह सकता।
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