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उद्यान विभाग: तो क्या पुरुषोत्तम पर भारी पड़ रहे बवेजा?


उत्तराखंड उद्यान विभाग में निदेशक और अन्य अधिकारियों के बीच चल रहा विवाद फिलहाल सुलझता नजर नहीं आ रहा। विभागीय सचिव वीवी पुरूषोत्तम के निर्देश के बावजूद बुधवार को निदेशक डा. हरमिंदर सिंह बवेजा ने तक नाराज चल रहे अधीनस्थ अधिकारियों के साथ बैठक नहीं ली थी। इस बैठक के न होने के पीछे का कारण मालूम नहीं चल सका है। सवाल यह भी उठ खड़ा हो रहा है कि क्या पुरुषोत्तम पर बवेजा भारी पड़ रहे हैं।
मालूम हो कि उद्यान विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने निदेशक के खिलाफ माेर्चा खोला हुआ है। इनमें अपर निदेशक स्तर से लेकर जिला स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। विभाग के 22 अधिकारियों ने 15 अक्तूबर को सचिव को पत्र लिखकर गुहार लगाई थी कि उनका निदेशक पद पर बैठे डा. हरमिंदर सिंह बवेजा के साथ काम करना संभव नहीं है।
सचिव को लिखे पत्र में बवेजा पर आरोप लगाया गया कि वे लगातार अधिकारियों पर दबाव बनाकर नियमों के विपरीत काम करवा रहे हैं। निदेशक की विकृत कार्यप्रणाली और कार्यशैली के कारण अधिकारी डा. बवेजा के साथ काम करने में असहज महसूस कर रहे हैं। इन अफसरों ने अनियमितताओं की आशंका के कारण बवेजा के निदेशक पद पर रहते हुए काम करने में असमर्थता जताई। पत्र की कॉपी मुख्यमंत्री और उद्यान मंत्री के कार्यालय में भी भेजी गई थी।
सूत्रों के मुताबिक इस मामले में मंगलवार को सचिव वीवीवीआर पुरूषोत्तम ने निदेशक डा. हरमिंदर सिंह बवेजा और कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मीटिंग की। जिसमें अधिकारियों ने अपनी बात पर कायम रहने की बात सचिव से की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद सचिव ने निदेशक से बुधवार को अधीनस्थों से बैठक कर विवाद सुलटाने को कहा था। इसके बावजूद देर शाम तक निदेशक ने अधिकारियों से इस संबंध में कोई वार्ता शिकायतकर्ता अधिकारियों से नहीं की थी।
यह भी मालूम हो कि कई सामाजिक कार्यकर्ता भी निदेशक डा. हरमिंदर सिंह बवेजा के खिलाफ तमाम आरोपों को लेकर मुखर हैं। अल्मोड़ा निवासी गोपाल उपरेती और दीपक करगेती ने डा. बवेजा की नियुक्ति और कार्यशैली को लेकर सवाल उठाते हुए सरकार से शिकायत भी की है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे उद्यान विभाग के सबसे बड़े अधिकारी को प्रतिनियुक्ति पर लाकर उत्तराखंड में संरक्षण दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री के निर्देश के बाद भी इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है।
उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने 14 सितंबर 2022 को 15 दिनों के भीतर उद्यान विभाग के निदेशक डा.बलविंदर सिंह बवेजा के खिलाफ जांच कर रिपोर्ट सौंपने के लिखित आदेश विभागीय सचिव को दिए थे। इस पत्र में  उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जांच करने का हवाला भी दिया था। विभागीय सचिव इस मामले की जांच भी नहीं कर पाए थे कि 22 अफसरों ने भी सचिव को पत्र लिखकर बगावत का माेर्चा खोल दिया।
 मंत्री के पत्र में साफतौर पर लिखा है कि उद्यान विभाग के निदेशक पर पद का दुरुपयोग करते हुए विभिन्न प्रकार की वित्तीय एवं प्रशासनिक अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। मंत्री ने यह भी लिखा है कि उपरोक्त  शिकायती पत्र पर मुख्यमंत्री द्वारा, ” तथ्यों का परीक्षण कराएं। जांचोंपरांत कार्यवाई करें ” के निर्देश दिए गए हैं। पत्र में  मंत्री ने आगे लिखा है कि उपरोक्त आरोपों के संबंध में विभिन्न प्रकार के सोशल मीडिया पर भी निदेशक द्वारा की गई अनियमितताओं के संबंध में प्रचार प्रसार किया गया है। उद्यान मंत्री ने यहां तक लिखा है कि पूर्व में भी अधोहस्ताक्षरी द्वारा उक्त प्रकरण में निदेशक के स्पष्टीकरण के आदेश दिए गए थे जो अभी तक अप्राप्त हैं। आपको जांच अधिकारी नामित किया जाता है। 15 दिन के अंदर जांच आख्या पत्रावली सहित करना सुनिश्चित करें। सचिव पुरुषोत्तम की जांच कब तक पूरी होगी, इसे बताने की स्थिति में न मंत्री हैं और न खुद सचिव। सूत्रों के मुताबिक यह अलग बात है कि बवेजा जांच रिपोर्ट को लेकर निश्चिंत हैं। शायद इसी कारण उनके खिलाफ चिट्ठी लिखने वालो में से कुछ ने उनके हक में पलटी मार ली है।

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