पौड़ी। जल शक्ति मंत्रालय की टीम ने जनपद के अंतर्गत जल संरक्षण के कार्यों के निरीक्षण और सत्यापन के पश्चात सिंचाई विभाग, लघु सिंचाई, जल संस्थान, वन विभाग, जल निगम, स्वजल, पंचायतीराज, कृषि व ग्राम्य विकास आदि विभागीय अधिकारियों के साथ मंथन किया।
टीम ने भ्रमण के दौरान प्राप्त अनुभवों, लोगों से इस संबंध में की गयी वार्ता से प्राप्त फीडबैक तथा वस्तु स्थिति के अवलोकन के आधार पर अपने विचार रखे। सदस्यों ने जनपद में जल संरक्षण के मार्ग में आने वाली कठिनाइयों को सुनते हुए जल संरक्षण प्रयासों को कैसे बेहतर बनाया जा सके, इस संबंध में सभी से सुझाव भी आंमत्रित किए।
जल शक्ति मंत्रालय के नोडल अधिकारी उप सचिव कौशलेन्द्र प्रताप सिंह ने इस दौरान कहा कि बनाये गये अमृत सरोवरों के आस-पास वाटर रिचार्ज के स्त्रोत के संरक्षण, स्त्रोत को गंदगी से बचाने तथा स्थानीय स्तर पर बच्चों व पशुधन की सुरक्षा की दृष्टि से कुछ कार्य और किये जाने चाहिए। उन्होंने जल शक्ति केंद्र को अधिक प्रभावी बनाने के लिए वहां पर मानव संसाधन तथा लोगों को जल संरक्षण की सुलभ जानकारी व प्रशिक्षण प्रदान करने को संभव प्रयास करने को कहा। उन्होंने जल निकायों के आस-पास पर्याप्त साइनेज व सूचना पट्ट लगाने को कहा। जिसमें फल संरक्षण को प्रेरित करने वाले प्रयासों और जल निकायों को गंदा न करने की अपील हो। इसके अतिरिक्त उन्होंने वाटर बॉडी के साथ-साथ वाटर सोर्स की भी जियो टैगिंग करने तथा संबंधित पोर्टल पर सभी सूचनाएं अपलोड करने को कहा। कहा कि जल संरक्षण के प्रयासों को लोगों तक अधिकाधिक पहंुचाने तथा उनकी भागीदारी भी प्राप्त करें और जल संरक्षण के कार्यों की लगातार निगरानी और सुरक्षा के भी उपाय करने को कहा।
जनपद में जल संरक्षण के तहत किये गये कार्यों के संबंध में मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पांडे, डीएफओ स्वप्निल अनिरूद्ध, जिला विकास अधिकारी पुष्पेन्द्र सिंह चौहान, तथा जनपदीय नोडल अधिकारी अधिशासी अभियंता सिंचाई सचिन शर्मा ने पहाड़ी क्षेत्रों में सरोवरों के निर्माण की सीमाओं, वन आरक्षित क्षेत्र की बाध्यताओं तथा मनरेगा श्रमिक कार्ड तथा मनरेगा के अंतर्गत ही कार्यों को संपादित करवाने की बाध्यताओं के साथ-साथ पर्याप्त व त्वरित वित्तीय उपलब्धता इत्यादि में अपेक्षित सुधार करते हुए इसको और कारगर बनाने के सुझाव दिए।
जल शक्ति मंत्रालय से वैज्ञानिक करम सिंह ने बताया कि जनपद पौड़ी सहित सभी पहाड़ी क्षेत्रों में जल संरक्षण में काफी बेहतर कार्य हो रहे है तथा उन्होंने लोगों की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करते हुए इस अभियान को अधिक सफल बनाने को कहा।
जनपद में कैच द रेन जल संरक्षण के कार्यों के निरीक्षण के दौरान जल शक्ति मंत्रालय की टीम द्वारा ल्वाली झील, भैंसवाडा अमृत सरोवर, कैवर्स अमृत सरोवर, सुमाड़ी पेयजल योजना, सिंचाई विभाग द्वारा खण्डाह तथा उल्खागढ़ी उल्ली अमृत सरोवर का स्थलीय निरीक्षण किया गया।