देवप्रयाग। गीतकार, लोक गायक व रंगकर्मी स्व रवि डबराल को याद करते यहाँ विभिन्न संगठनों ने श्रद्धांजलि दी। उत्तराखण्ड की पृष्ठ भूमि पर लिखे उनके गीत खासे लोकप्रिय भी हुए थे।
देवप्रयाग तीर्थ पुरोहित समाज से जुड़े 62 वर्षीय स्व रवि डबराल का जन्म महड़ जल्ली गाँव मे जाने माने ज्योतिष विद्वान रमेश डबराल के घर हुआ था। उनके दादा डा नारायण प्रसाद डबराल प्रसिद्ध वैद्य रहे थे। गीत संगीत व अभिनय में गहरी रुचि के चलते रवि डबराल बचपन से ही रामलीला व अन्य मंचों पर सक्रिय हो गए थे। अपने गीतों की कैसेट निकालने के बाद उन्होंने गढ़वाली फिल्मों मे भी गीत लिखे। उनका ‘मेरा उत्तराखण्ड का भी कभी दिन आला, यू रूखा डांडो माँ फल फूल खिल्या राला’ गीत काफी लोकप्रिय भी हुआ। प्रसिद्ध लोक गायिका मीना राणा व उमा राणा द्वारा भी उनके गीतों को स्वर दिया गया। बाद के बर्षो में गवर्मेंट प्रेस ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में प्रोग्रामर अधिकारी के रूप में कार्यरत रहे। श्री बदरीश पंडा पंचायत, श्री बदरीश युवा पुरोहित संगठन, जाह्नवी संस्था, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष गढ़वाल वि वि सुधाकर बाबुलकर, पालिका अध्यक्ष के के कोटियाल,पूर्व प्रधान महड अरुण डबराल आदि ने स्व रवि डबराल के योगदान को याद करते उन्हें यहाँ श्रद्धांजलि दी ।