रामनगर: कॉर्बेट नेशनल पार्क में शिकारियों के फंदे में फंसकर घायल हुई एक बाघिन रेस्क्यू के बाद अपने दो नवजात शावको को खा गई। इस बाघिन ने रेस्क्यू सेंटर में ही तीन शावकों को जन्म दिया था।
जानकारी के मुताबिक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में ढाई माह पूर्व कैमरा ट्रैप में एक बाघिन की फुटेज कैद हुई थी। इस फुटेज में बाघिन जख्मी दिख रही थी। जांच में बाघिन के शरीर में शिकारियों द्वारा लगाया गया फंदा फंसे होने की बात सामने आई थी। जिसके बाद वन विभाग द्वारा इस बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू कर इलाज के लिए रेस्क्यू सेंटर लाया गया था। फंदा (स्नेयर) बाघिन के पेट वाले हिस्से में धंसा हुआ था। जिसे निकालने के लिए इसकी सर्जरी की जानी थी। लेकिन इससे पहले कि बाघिन की सर्जरी कर उसके शरीर में फंसे तार के फंदे को निकाला जाता, उसके गर्भवती होने की पुष्टि हो गई। बाघिन के गर्भवती होने की बात सामने आने पर उसकी सुरक्षा के लिए फिलहाल सर्जरी का विचार मुल्तवी कर दिया गया। तब से रेस्क्यू सेंटर में रह रही इस बाघिन ने चार दिन पूर्व सोमवार देर रात तीन शावकों को जन्म दिया। करीब आठ वर्षीय बाघिन और उसके तीनों शावक पूरी तरह से स्वस्थ थे।
बुधवार को बाघिन के चिकित्सकीय परीक्षण के लिए गठित भारतीय वन्यजीव संस्थान के डॉ. प्रदीप मालिक, जीबी पन्त विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ सर्जरी एवं रेडियोलॉजी के डॉ. एके दास, भारतीय वन्यजीव संस्थान के डिपार्टमेंट ऑफ चाइल्डलाईफ हेल्थ मैनेंजमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ. पराग निगम आदि विशेषज्ञों के पैनल ने बाघिन की सर्जरी के बारे में निर्णय लेने के लिए ढेला रेस्क्यू एवं रिहेबिलिटेशन सेंटर में इस बाघिन का निरीक्षण किया गया था। इस दौरान मौके पर बाघिन को तो स्वस्थ पाया गया लेकिन उसका एक शावक मृत पाया गया था। इसी के साथ दूसरे शावक का स्वास्थ्य खराब होने के भी संकेत मिलने के बाद देर रात्रि दूसरे शावक की भी मौत हो गयी। बाघिन और उसके शेष बचे एक शावक की सुरक्षा के चलते बाड़े में बाघिन के करीब जाकर मृत शावकों के शव रेस्क्यू नहीं किए जा सके।
अगले दिन गुरुवार को बाड़े के निरीक्षण के दौरान विशेषज्ञों और विभागीय टीम को दोनों मृत शावकों के शव मौके से नदारद मिले। इस मामले में विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मादा बाघिन द्वारा स्वजाति-भक्षण (cannibalistic behaviour) अपनाते हुए अपने मरे हुए शावकों को भी अपना भोजन बना लिया होगा। मांस खाने वाले जानवरों में इस प्रकार का व्यवहार असामान्य घटना नहीं है। इसके साथ ही विभाग की ओर से घायल बाघिन और उसके बचे हुए एक शावक की सघन निगरानी के लिए बाडे के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गये हैं। फिलहाल बाघिन और उसके शावक की पशुचिकित्साधिकारी की टीम द्वारा निगरानी की जा रहीं है।