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जानिए क्यों और कहां हुई हुड़के की थाप पर हुई धान की रोपाई


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रामनगर: हर साल की तरह इस साल भी उमेदपुर गांव के खेतों में कुमाउंनी संस्कृति के अनुसार हुड़के की थाप पर धान रोपाई का आयोजन किया गया। पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत के निवास “द पहाड़ी ऑर्गेनिक फॉर्म” में आयोजित इस कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। जहां पर्वतीय सांस्कृतिक परंपरा के तहत हुए हुड़किया बॉल के इस आयोजन में पर्वतीय वाद्य यंत्रों के साथ धान की रोपाई की गई।

इस मौके पर रणजीत रावत ने बताया कि यह हमारी पुराणिक सांस्कृतिक विधा है। पहले सामूहिक खेती हुआ करती थी और खेती में काम करते समय किसानों को ज्यादा थकान ना हो इसलिए खेत में काम करने वालों के साथ एक आदमी हुड़के के साथ गाना गाकर उनका मनोरंजन भी करता था। इससे न केवल काम भी ज़ल्दी होता था बल्कि काम की थकान भी महसूस नहीं होती थी। बदलते समय में यह विधा लगभग विलुप्त सी हो गई है। हमारी पुरानी पीढ़ी ने हमें यह विधा सौंपी थी तो हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम अपनी अगली पीढ़ी को इसको सौप कर जाएं। इसी के चलते पिछले वर्षों से उनके खेत में हुड़किया बॉल का आयोजन किया जाता रहा है। इस मौके पर तमाम क्षेत्रीय ग्रामीण भी इस विधा को जानने के लिए इकट्ठा हुए थे।

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