रामनगर: दिल्ली से द्वाराहाट जा रही एक टाटा सूमो ढिकुली के बरसाती नाले में बहने से वाहन में सवार एक व्यक्ति की पानी में डूबने से मौत हो गई। जबकि घटना में सात लोग घायल हो गए।
जानकारी के मुताबिक द्वाराहाट निवासी प्रकाश चंद्र (38 वर्ष) पुत्र कृष्णानन्द , नितिन फुलारा, शंकर दत्त, ध्रुव शर्मा, ललित फुलारा, हिमांशु फुलारा, भगवती देवी टाटा सूमो कार संख्या UK 01 TA 3155 से दिल्ली से द्वाराहाट के गनोली गांव में होने वाली बैसी पूजा में शामिल होने जा रहे थे। गाड़ी भी इसी गांव का गौरीदत्त चला रहा था। रात करीब ढाई बजे इन लोगों का वाहन ढिकुली सीआरवीआर रिसोर्ट के निकट उफनाए एक बरसाती नाले में फंसकर नाले के बहाव में बह गया। यात्रियों में चीख पुकार मचने पर स्थानीय निवासी योगेश छिम्वाल के परिवार के लोग अन्य ग्रामीणों के साथ तत्काल मदद के लिए अपने घरों से बाहर निकल आए। जहां सूमो में फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने का प्रयास करते हुए इसकी खबर पुलिस को दी गई।
पुलिस ने फायर विभाग से मदद मांगी तो उसके बाद बचाव दल भी मौके पर पहुंच गया। सभी ने मिलकर सूमो में फंसे यात्रियों को बाहर निकाला। बदहवास सभी यात्रियों को तत्काल रामनगर चिकित्सालय में पहुंचाया गया। जहां हादसे के सभी प्रभावितों को प्राथमिक उपचार देते हुए उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। जबकि प्रकाश फुलारा के फेफड़ों में पानी भरने के कारण उसकी स्थिति को नाजुक देखते हुए चिकित्सकों ने उसे इलाज के लिए अन्यत्र रैफर कर दिया। लेकिन हल्द्वानी ले जाने के दौरान कालाढूंगी के निकट उसकी मौत हो गई। मृतक के शव का हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी चिकित्सालय में पोस्टमार्टम किया जा रहा है। प्रकाश की मौत की खबर मिलते ही उनके गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। परिजन बेहद सदमे व बदहवासी की स्थिति में हैं।
दिल में छेद लिए पिता की आस देखता रहा द्वाराहाट का तीन वर्षीय विनय :
मंगलवार की शाम दिल्ली से द्वाराहाट के लिए द्वाराहाट निवासी प्रकाश फुलारा को गांव में होने वाली पूजा में हिस्सा लेने के बाद अपने तीन साल के बेटे विनय को इलाज के लिए दिल्ली वापस लौटकर आना था। लेकिन किसे पता था कि प्रकाश अब अपने बेटे से मिल तक नहीं पाएगा। घर जाने के दौरान ढिकुली के पास बरसाती नाले की चपेट में आकर जान से हाथ धोने वाले प्रकाश फुलारा का जीवन जितना विकट रहा, अब उससे कहीं ज्यादा कठिन समय उसके बच्चों के सामने है। मंगलवार बुधवार की रात ढिकुली के पास हादसे के शिकार प्रकाश फुलारा पुत्र कृष्णानन्द के सिर से पिता का साया बचपन में ही उठ चला था। मां लीला देवी ने पहाड़ जैसे कष्ट उठाकर प्रकाश की परवरिश कर बड़ा किया तो मां को सहारा देने के लिए प्रकाश ने दिल्ली में एक ठेकेदार के यहां प्राइवेट जॉब पकड़ ली।
बसंती देवी से विवाहित प्रकाश के घर चार पुत्रियों भावना (16 वर्ष) वर्षा (12 वर्ष) रजनी (10 वर्ष) पूजा (8 वर्ष) के बाद पुत्र का जन्म हुआ तो पता चला उसके दिल में छेद है। कई अस्पतालों में धक्के खाने के बाद तीन साल के बेटे विनय के दिल में छेद के ऑपरेशन के लिए प्रकाश को बमुश्किल दस अगस्त की तारीख मिली। घर में होने वाली पूजा में शामिल होने के बाद प्रकाश को अपने बेटे विनय को इसी ऑपरेशन के लिए दिल्ली ले जाना था। लेकिन इससे पहले ही ढिकुली के बरसाती नाले में हुए इस हादसे में प्रकाश की मौत हो गई।
गांव के ही महेश फुलारा ने बताया कि प्रकाश के घर की आर्थिक स्थिति बेहद नाजुक है। घर परिवार का खर्चा भी मुश्किल से चलता है। ऐसे में बेटे की बीमारी का इलाज करवाना भी उसके लिए पहाड़ समान था। जैसे तैसे वह अपने बच्चे के इलाज की कोशिशों में जुटा था। लेकिन इस हादसे ने उनका सब कुछ छीन लिया। इस परिवार में अब कोई कमाने वाला नहीं है। वृद्ध मां लीला देवी के अतिरिक्त प्रकाश की एक बहन कमला भी है। जिसकी मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं है। प्रकाश की मौत के बाद उसकी विधवा बसंती के सामने अपनी चार पुत्रियों के लालन-पालन के साथ ही पुत्र विनय के इलाज की विकराल समस्या मुंह बाए खड़ी है।