हरिद्वार: 16 अगस्त को सावन का मलमास यानी पुरुशोत्तम मास हो गया है। आज 17 अगस्त से शुद्ध सावन शुरू हो गया है, इस मौके पर सावन के शुक्ल पक्ष की संक्रांति है, जिसे घी संक्रांति के रूप में भी जाना जाता है। यह उत्तराखंड का लोकपर्व भी है।
इसे सूर्य की सिंह संक्राति भी कहते हैं। घी संक्रांति पर घी खाने का महत्व है। इस दिन लोग एक दूसरे को बधाई और शुभकामनाएं देते हैं। आज के दिन स्नान, दान और सूर्य पूजा का विशेष महत्व है। ग्रहों के राजा सूर्य देव जब कर्क राशि से निकलकर अपनी राशि सिंह में प्रवेश करते हैं तो उस दिन घी संक्रांति या सिंह संक्रांति मनाई जाती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद सूर्य देव की पूजा करते हैं और दान करते हैं। स्नान और दान करने से पुण्य मिलता है, साथ ही सूर्य कृपा से रूठी किस्मत भी चमक जाती है। आज घी खाइए और खिलाइए।