देहरादून: 17 अगस्त को दून विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के छात्रों और शिक्षकों के लिए नेशनल काउंसिलिंग साइकोलॉजी डे के मौके पर मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करने वाली फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में प्रख्यात मनोवैज्ञानिक डॉ. पवन शर्मा ने मनोविज्ञान की नवीनतम और प्रभावी तकनीक एनएलपी के प्रयोग से बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दी।
डॉ. पवन शर्मा ने एन एल पी तकनीक के प्रयोग करके इस तकनीक के गुर भी सिखाये। एन एल पी तकनीक को मानव मस्तिष्क की भाषा के रूप में जाना जाता है, इसके माध्यम से मस्तिष्क की प्रोग्रामिंग को मनचाहे तरीके से प्रोग्राम करके मनचाहे परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज लगभग हर व्यक्ति मानसिक चुनौतियों का सामना कर रहा है और ऐसे समय में पारंपरिक तकनीकों के साथ नई और ज्यादा प्रभावी तकनीक के सामंजस्य से मनोविज्ञान के पेशेवर बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं और व्यक्ति को मानसिक चुनौतियों से निपटने में आसानी होगी और काम समय में समाधान मिल सकेगा।
डॉ. पवन शर्मा द्वारा किए गए प्रयोग अत्यंत सरल और बेहतर परिणाम देने वाले हैं और प्रतिभागियों ने इसके प्रत्यक्ष प्रमाण भी देखे। आपको बता दें कि मानसिक क्षेत्र में काम करने वाली संस्था फोरगिवनेस फाउंडेशन सोसाइटी मानसिक स्वास्थ्य की जागरूकता और बचाव के लिए निशुल्क कार्यशाला, परामर्श और थेरेपी प्रदान करती है, 14 वर्ष से अधिक का कोई भी व्यक्ति संस्था से निशुल्क सेवा ले सकता है। इस मौके पर दून विश्विद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल, डॉ. सविता कर्नाटक, डॉ स्वाति सिंह, डॉ राजेश भट्ट और निशात इकबाल ने भी बेहतर काउंसिलिंग के तरीकों पर अपने विचार साझा किये।