श्रीनगर। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थलीसैंण में स्वास्थ्य सुविधाओं में प्रसार करने हेतु प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ० धन सिंह रावत ने विकासखंड कार्यालय सभागार थलीसैंण में स्थानीय जनप्रतिनिधियों व स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की बैठक ली। मंत्री ने महानिदेशक स्वास्थ्य को निर्देश दिए कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थलीसैण का उच्चीकरण उप जिला चिकित्सालय के रूप में किये जाने संबंधी मानकों के साथ एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पलायन ना के बराबर हुआ है, इसके साथ ही क्षेत्र में एक लाख से अधिक जनता निवासरत है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में बीरोंखाल,नैनी डांडा थलीसैंण के लोगो को काशीपुर श्रीनगर, ऋषिकेश जाना पड़ता है। इसलिए यह आवश्यक हो जाता है कि इस क्षेत्र में एक उप जिला चिकित्सालय हो। उन्होंने कहा कि उप जिला चिकित्सालय बनने के बाद चिकित्सको की संख्या में भी इजाफा होगा जिससे निर्धारित मानको के तहत विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती हो सकेगी।
थलीसैंण अस्पताल से अधिकतर मरीजों को रेफर किये जाने संबंधी शिकायतों पर स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि क्षेत्र का शत प्रतिशत प्रसव इसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया जाए। इस हेतु पर्याप्त गाइनेकोलॉजिस्ट की तैनाती करने के निर्देश भी दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लैब की जांच रिपोर्ट में समय अवधि को कम किए जाने की आवश्यकता है ताकि लोगो को रिपोर्ट के लिए रुकना न पड़े और 50 रुपए की जगह पांच सौ न खर्च करने पड़े।
उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि चिकित्सालयों के सामने 20-20 साल से खड़े खराब वाहनों की नीलामी की जाए। उन्होंने कहा कि वह प्रदेश के पहाड़ी जिलों के 40 विकास खंडो में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर विधानसभावार समीक्षा करेंगे।
बैठक में सचिव स्वास्थ्य डॉ० आर राजेश कुमार, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ विनीत शाह, एसीएमओ डॉक्टर रमेश कुंवर व डॉ पारुल गोयल, स्थानी जनप्रतिनिधि नवीन जोशी, सुरेंद्र सिंह नेगी आदि उपस्थित थे।