ऑल वेदर सड़क परियोजना जब से शुरू हुई है लोगों का पहाड़ों पर आना जाना मुश्किल हो चुका है। आए दिन भूस्खलन और भूधसाव होना आम बात है । कब कौन कहां पर इस मार्ग पर फंस जाए कहा नहीं जा सकता। ऋषिकेश से बद्रीनाथ या केदारनाथ जाना हो अथवा गंगोत्री यमुनोत्री रूट पर यात्रा करनी हो हर जगह नए डेंजर पॉइंट बन गए हैं। अभी 5 अगस्त को श्रीनगर के पास चमधार में भूस्खलन से भारी मलबा सड़क पर आया। यह मलबा सड़क को चौड़ा करने के लिए पहाड़ी को गलत तरीके से काटने के कारण आया। यहां पर 3 दिन सड़क पूरी तरह बंदर ही बंद रही यातायात डायवर्ट क्या गया तो वह संकरी सड़क के कारण जाम में फस गया आखिरकार 3 दिन की मेहनत के बाद एनएच के इंजीनियर सड़क को खोल पाए। चमधार में पिछले तीन दिनों से राजमार्ग बंद होने से रुद्रप्रयाग चमोली जाने वाले बड़े वाहन फंसे हुए थे।
वहीं, ऋषिकेश-देवप्रयाग के बीच शिव मूर्ति के पास मलबे को तीस घण्टे बाद हटाया जा सका। शनिवार सुबह करीब सात बजे पहाड़ी का हिस्सा आ गिरा था। एनएच ने दो जेसीबी मशीनों के जरिये मलबा हटाना शुरू किया। मगर मलबा गिरने का सिलसिला जारी रहा। रविवार दोपहर डेढ़ बजे तक काफी मशक्कत के बाद पूरी तरह से मलबा हटाया जा सका। इस बीच रविवार तड़के शिवमूर्ति से सात किमी आगे बछेलीखाल में भी पहाड़ी से मलबा आ गिरा जिसको हटाने में चार घण्टे से अधिक का समय लगा। ऋषिकेश-चंबा-गंगोत्री हाईवे नगुण गोजमेर के पास करीब ढ़ाई घंटे तक यातायात के लिए बंद रहा। पहाड़ी से भूस्खलन होने के कारण हाईवे पर सुबह लगभग आठ बजे भारी मात्रा में मलबा और पत्थर गिरते रहे।