विनोद नौटियाल
ऊखीमठ।भगवान केदारनाथ शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो गये हैं। वैदिक मंत्रोच्चारण एवं पूजा अर्चना के साथ भोग मूर्तियों को शीतकालीन पूजा अर्चना के लिए गर्भगृह में स्थापित कर लिया गया है।
शुक्रवार को भगवान केदारनाथ की चल उत्सव विग्रह डोली सवा बारह बजे ओंकारेश्वर मंदिर परिसर पहुंची। इससे पहले प्रातः नौ बजे डोली ने विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से प्रस्थान किया डोली भैंसारी होते हुए ग्यारह बजे विद्यापीठ पहुंची जहां पर छात्र-छात्राओं ने डोली का स्वागत किया इसके बाद जैविरी पहुंचने पर अरुण महाराज एवं चुन्नी गांव के ग्रामीणों समेत भक्तों ने डोली का स्वागत किया। इसके बाद भोलेनाथ के जयकारों के साथ डोली देवदर्शनी होते हुए मन्दिर परिसर पहुंची।
ओंकारेश्वर मंदिर की परिक्रमा के दौरान पुजारी शिव शंकर लिंग ने डोली की आरती उतारी। जिसके बाद डोली को पंचकेदार गद्दी स्थल में विराजमान किया गया जहां पर परम्परानुसार रावल भीमाशंकर लिंग ने स्वर्ण मुकुट धारण किया। केदारनाथ धाम के पुजारी शिव लिंग ने भोग मूर्ति एवं नाग ताला रावल को सौंपा। जिसके बाद भोग मूर्तियों को शीतकालीन पूजा के लिए गर्भगृह में स्थापित किया गया। केदारनाथ धाम से लाया गया उदक जल एवं भस्म प्रसाद रूप में भक्तों को वितरित किया गया।
वहीं ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में पंचगाईं हकहकूकधारी समिति द्वारा डोली आगमन पर केदार महोत्सव का आयोजन किया गया। वर्ष 2023 की यात्रा संचालन में बेहतर भूमिका निभाने वाले तहसीलदार ऊखीमठ दीवान सिंह राणा को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही पंचगाईं एवं रांसी गांव के हकहकूकधारियों सहित सेना एवं पुलिस के जवानों को भी सम्मानित किया गया इस दौरान पंचगाईं की महिला मंगल दलों एवं कीर्तन मंडलियों द्वारा धार्मिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए । समारोह में सम्मानित करते हुए केदारनाथ की विधायक शैला रानी रावत ने कहा कि सभी लोगों के सहयोग से एक सफल और रिकॉर्ड यात्रा का संचालन हुआ है। केदार महोत्सव के अध्यक्ष एवं नगर पंचायत अध्यक्ष विजय राणा ने सहयोग के लिए सभी नागरिकों एवं भक्तों का धन्यवाद ज्ञापित किया। महोत्सव का संचालन प्रधान संगठन के संरक्षक संन्दीप पुष्पवान ने किया।
इस मौके पर केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, मन्दिर के कार्याधिकारी रमेश तिवारी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चण्डी प्रसाद भट्ट, व्यापार संघ अध्यक्ष राजीव भट्ट, मन्दिर अधिकारी युद्धवीर पुष्पवान,संन्तोष त्रिवेदी,तेज प्रकाश त्रिवेदी, अंकित सेमवाल, दिनेश तिवारी,पवन राणा, विनोद रावत,अभिरतन धर्म्वाण, विपुल धर्म्वाण,अरुण,अनन्त, पंकज शुक्ला, हिमांशु बर्त्वाल, संन्दीप शुक्ला,अमन शुक्ला, अंकित तिवारी, अभिषेक तिवारी, अनूप तिवारी, धर्मेंद्र तिवारी, पूर्व प्रधान प्रकाश रावत, अंजना रावत,रेखा रावत,बविता भट्ट, अनुसूया प्रसाद भट्ट, कुंवरी बर्त्वाल आदि मौजूद थे।