रुद्रप्रयाग जिले के गुप्तकाशी क्षेत्र में अवस्थित #विश्वनाथ_मंदिर इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। यहां पर गैर हिन्दू लोगों के प्रवेश वर्जित का बोर्ड लगाया गया। बताया जा रहा है यहां पर कुछ श्रमिकों द्वारा गंगा – यमुना नाम से प्रसिद्ध पवित्र जलधाराओं में शौच के बाद हाथ धोए जा रहे थे, जिस कारण अशुद्धता और अपवित्रता फैलने से बचाव को यह कदम उठाया गया। बताया जा रहा है कि इन जलधाराओं को अमृत समान पवित्र माना जाता है। जिसका लोग अपने घरों को शुद्ध करने के लिए यह जल ले जाते हैं।
गुप्तकाशी में भगवान शिव का विश्वनाथ मंदिर स्थित है। यहां पर मान्यता है कि गंगा – यमुना की दो जल धाराएं प्रवाहित होती हैं। जिन्हें सनातन धर्म के अनुसार स्वच्छ व पवित्र माना जाता है। सूत्रों के अनुसार यहां कुछ गैर हिन्दू लोगों द्वारा गंदगी फैलाई जा रही थी, जिस कारण मंदिर परिसर अपवित्र हो रहा था। जिसके चलते यहां विश्व हिंदू परिषद ने गैरहिन्दू प्रवेश वर्जित नाम का बोर्ड मंदिर में लगाया। जबकि इस चेतावनी लिखित बोर्ड को देवस्थानम बोर्ड व पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मजबूरन मंदिर परिसर के बाहर लगाया गया। लोगों का कहना है कि यहां पर काम कर रहे कुछ मजदूरों द्वारा शौच के बाद हाथों को धोया जा रहा है। साथ ही अन्य गंदगी भी फैलायी जा रही है। जिस कारण शिवधाम अपवित्र होने के साथ ही यहां गंदगी फैलाई जा रही है। इससे कहीं न कहीं हिन्दू मंदिरों में इस तरह के कृत्य से आस्था को ठेस पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।
मंदिरों के निकट पवित्र धाराओं में शौच के हाथ धोना व अन्य तरह की गंदगी फैलाना हिन्दूओं के आस्था केंद्रों पर ठेस पहुंचाना जैसा है। जिसके चलते हिंदुओं की आस्था पर हो रहे आखेट से बचाव व मंदिर की पवित्रता को बनाए रखने को बोर्ड पर गैर हिन्दू प्रवेश की सूचना लगाई। बताया कि अब देवस्थानम बोर्ड व प्रशासन के हस्तक्षेप के चलते बोर्ड को यथा स्थान से हटाकर गेट के बाहर लगा दिया गया। यदि धार्मिक स्थलों को अपवित्र करने का प्रयास किया जाएगा तो इस तरह के फैसले लेने आवश्यक होंगे। – श्रीराम गोश्वामी, जिलाध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद