उत्तर प्रदेश में पहली बार भूमाफिया के खिलाफ ऐतिहासिक कार्यवाही करते हुए सरकारी और निजी अरबों रुपए की कीमत की डेढ़ लाख एकड़ से भी अधिक जमीन खाली कराई गई है। यह जमीन लखनऊ शहर के क्षेत्रफल के बराबर होती है। हाल ही में सीएम योगी के निर्देश के बाद फिर भूमाफिया के खिलाफ कार्यवाही में तेजी आई है और जिले स्तर पर नए सिरे से भूमाफिया तलाशे जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में प्रदेश की कमान संभालने के बाद भूमाफिया के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद प्रदेश में चार स्तरीय एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स का गठन कर कार्यवाही शुरू की गई थी। पिछले सवा चार साल में राजस्व और पुलिस विभाग ने भूमाफिया के खिलाफ सख्त कार्यवाही की है। राजस्व विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 15 अगस्त तक करीब 62423.89 हेक्टेयर यानि 1,54,249 एकड़ से अधिक भूमि को मुक्त कराया गया है। साथ ही राजस्व विभाग ने 2464 अतिक्रमणकारियों को चिह्नित करते हुए 187 भूमाफियाओं को जेल भेजा है और 22,992 राजस्व वाद, 857 सिविल वाद दर्ज करते हुए 4407 एफआईआर कराई है। जिले स्तर पर राजस्व विभाग और पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर भूमाफिया की कमर तोड़ने का काम किया है। इसके बावजूद हाल ही में सीएम योगी ने एक मामले का संज्ञान लेते हुए भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए थे।
जानकारों के अनुसार 62,423.89 हेक्टेयर भूमि करीब 1,54,249 एकड़ और करीब 624 स्क्वायर किमी होता है। ऐसे में अगर देखा जाए, तो लखनऊ शहर भी 30 किमी लंबा और 20.8 किमी चौड़ा है और यह लगभग लखनऊ शहर के बराबर है।
41 भूमाफिया की संपत्ति कुर्क, 170 आरोपियों पर लगा गैंगेस्टर :-
पुलिस विभाग के आंकड़ों के अनुसार जुलाई तक प्रदेश में 41 भूमाफिया की संपत्ति कुर्क की गई है। दो पर रासुका, 170 आरोपियों पर गैंगेस्टर और 399 आरोपियों के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्यवाही की गई है और 28 शस्त्र लाइसेंस निरस्त किए गए हैं। इसके अलावा 102 आरोपियों की हिस्ट्रीशीट भी खोली गई है।