कड़े मानकों के कारण श्रद्धालुओं का रुख चारों धाम की ओर कम ही हो रहा है। लम्बे इंतजार के बाद 18 सितंबर से चारधाम यात्रा शुरू हो तो गई, जिस हिसाब से देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकृत तीर्थयात्रियों का रेला उमड़ रहा है, उसकी तुलना में चारों धामों में रोजाना कम श्रद्धालु चारों धाम पहुंच रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने अब फैसला लिया है कि एसओपी के हिसाब से प्रतिदिन के लिए निर्धारित श्रद्धालुओं की संख्या के हिसाब से जारी पास के अनुसार यदि श्रद्धालु दर्शन को नहीं आते हैं तो शेष पंजीकृत श्रद्धालुओं को दर्शन का मौका दिया जाएगा।
उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2021 संचालन के लिए उत्तराखंड शासन के धर्मस्व विभाग द्वारा जारी एसओपी में तीर्थ यात्रियों की संख्या निर्धारित की गयी है। शासन के संज्ञान में आया है कि 18 सितंबर से शुरू हुई चारधाम यात्रा में देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकृत तीर्थयात्रियों की तुलना में प्रतिदिन कम श्रद्धालु चारों धाम पहुंच रहे हैं। एसओपी के अनुसार श्री बदरीनाथ धाम में एक हजार, श्री केदारनाथ में आठ सौ, श्री गंगोत्री धाम में छ: सौ और श्री यमुनोत्री धाम में चार सौ तीर्थयात्री यानी कुल एक दिन में 2800 यात्री चारों धाम के दर्शन कर सकते हैं। लेकिन फिलहाल यात्रियों की संख्या दो हजार के आसपास ही रह रही है। क्योंकि यात्रा के लिए जरूरी ई-पास हासिल करने के बाद भी कई श्रद्धालु दर्शन को नहीं आ रहे हैं।
धर्मस्व एवं तीर्थाटन सचिव हरिचंद्र सेमवाल ने कहा कि एसओपी के अनुसार कई पंजीकृत तीर्थयात्री निर्धारित तिथि को चारधाम नहीं पहुंच पा रहे हैं। अब उनके स्थान पर अन्य पंजीकृत तीर्थयात्री चार धामों में दर्शन को जा सकेंगे। आयुक्त गढ़वाल/मुख्य कार्यकारी अधिकारी चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड , जिलाधिकारी चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी को आदेश पर तत्काल अमल करने को कहा गया है।