चमोली जिले के दशोली ब्लॉक के हाट गांव का बेटा रविवार 26 सितम्बर को जब घर लौटा तो फूट फूट कर रोया। सीमा पर देश की हिफाजत करता रहा, इधर देश के अंदर उसका आशियाना उजड़ता रहा। जिस घर से वह वतन की सरहद के लिए निकला था, जब लौटा तो खुद के घर की सरहद नेस्तनाबूत थी। घर की जगह मलबा मिला। फफक-फफक कर रोता आशीष हर किसी से पूछता रहा कि मैं अपना बैग कहाँ रखूं?उसकी बेघर मां भी क्या जवाब देती। गांव वाले भी क्या जवाब देते। जिन्होंने जवाब देना था, घर उन्ही ने तोड़ा तो वे जवाब देने से रहे! यह बताने की बात नही है कि इस दौरान बद्दुआएं/ गालियां मोदी के हिस्से में ही आईं।
यह कहानी है हाट गांव की। यहां विष्णुप्रयाग-पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना का काम चलना है। THDC टीएचडीसी को यहां बिजली बनानी है। इसके लिए टीएचडीसी ने गांव में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। इसमें आशीष का घर भी तोड़ा गया। सूचना मिलने पर बुजुर्ग नर्वदा देवी का सीमा पर तैनात बेटा आशीष रविवार को घर लौटा तो पूरा मंजर देखकर बहुत रोया।
यह कार्रवाई 22 सितम्बर को हुई।टीएचडीसी की ओर से परियोजना निर्माण के अनुरोध पर प्रशासन और पुलिस ने यहां आवासीय भवनों को ध्वस्त कर दिया था। इस कार्रवाई में विस्थापन के लिये अनुमन्य राशि न लेने वाली नर्मदा देवी को हिरासत में लेकर भवन भी ध्वस्त कर दिया गया था। जिसके बाद ग्रामीणों ने गांव में कंपनी की ओर से की गई कार्रवाई की जानकारी भारतीय सेना में राजस्थान सीमा क्षेत्र में सेवा दे रहे नर्मदा देवी के बेटे आशीष को दी। घर टूटने की सूचना मिलते ही आशीष आनन-फानन में रविवार को अपने गांव हाट पहुंचा। ऐसे में कंपनी की ओर ध्वस्त किये गांव को देखकर आशीष अब फफक फफक कर रो रहा है और अपने उजड़े घर को देखकर बार-बार पूछ रहा है। मैं अपना बैग कहाँ रखूं। बता दें कि नर्मदा देवी फ़ौजी बेटे आशीष की शादी की तैयारियों में जुटी हुई थी। नर्मदा देवी का कहना है कि पुलिस के हिरासत में लेने के बाद कंपनी प्रबंधन द्वारा उनके घर का सामान निकाला गया। जिसमें शादी के लिये बनाये जेवर, नगदी और अन्य सामान का भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के बाद से कोई पता नहीं है। ऐसे में अब बेटे की शादी का सपना संजोये बुजुर्ग माँ घर टूटने के बाद आसरे की खोज में दर-दर भटक रही है।