उत्तराखंड में युवाओं को रोजगार देने के इतने वादे हो चुके कि आने वाले दिनों में बेरोजगारों की कमी न पड़ जाए, इसके लिए स्वरोजगार पर लगे युवाओं को बेरोजगार करने की मुहिम भी साथ साथ चल चुकी है। इससे सहूलियत सबको होगी। विधानसभा चुनाव में सत्ता वाली पार्टी बेखदल हुई तो ये बेरोजगार नई सरकार के लिए सिरदर्द बनेंगे। सत्ता वापस आई तो फिर इन्ही के लिए रोजगार के नारे लगेंगे।विपक्षी पार्टियों को भी इससे फायदा है, इसलिए वे भी इस मुहिम में सरकार के साथ हैं। विपक्ष को चुनाव में कार्यकर्ता चाहिए। बेरोजगार को टंगड़ी-थैली देकर सत्ता को गरियाने वाले कार्यकर्ता में तब्दील किया जाएगा। खुद के सत्ता में आने के 6 माह ले अंदर 1 लाख रोजगार भी तो देने हैं। बेरोजगार को ही तो रोजगार का सब्जबाग दिखाया जायेगा।
बहरहाल, अब इस मुहिम पर प्रकाश डाला जाए। मार्च 2020 के लॉकडाउन के बाद बड़ी संख्या में राज्य के नौजवान देश के अलग-अलग प्रदेशों से बेरोजगार होकर अपने गांव घर को लौटे। ये लोग रोजगार के लिए भटक रहे हैं। इनमें से कुछ नौजवानों ने साहस करके अपने -अपने क्षेत्र में सड़कों के किनारे खोखे, ठेली, रेहड़ी, पटरी और कुछ ने फूड वैन लगाकर अपना काम शुरु किया था । गांव के बेरोजगारों के लिए “सब भूमि गोपाल की”। इनके बाप-दादा के खेत हुआ करते थे कभी इन जगहों पर। “विकास” ने इन खेतों/जमीन को सड़क के साथ बीआरओ, लोकनिर्माण विभाग या वन विभाग की भूमि बना डाला। बेरोजगार खुद को आजाद देश का पंछी समझ कर इन सड़क किनारे अपनी रोटी का जुगाड़ करने लगे। ‘सरकार के साहबो’को यही खराब लगता है कि कोई कैसे सरकार के रहमो करम के बिना स्वरोजगार कर सकता है। अक्सर इन्हे डराया धमकाया जाता रहा है। ऐसे ही 30 सितंबर को चंबा से लगभग 8 किलोमीटर ऋषिकेश की तरफ चोपड्याली गांव के एक दिव्यांग नौजवान का सड़क किनारे लगा खोखा बीआरओ की मांग पर एसडीएम के आदेश पर बड़ी बेरहमी से जेसीबी से तुड़वा दिया गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जोत सिंह बिष्ट ने मौके पर उपस्थित अधिकारियों को खोखा न तोड़ने के लिए अनुरोध किया। राज्य सरकार के एक मंत्री से भी दूरभाष पर गरीब दिव्यांग का खोखा तोड़ने से रोकने का आग्रह किया। लेकिन सबकुछ अनसुना कर दिया गया। इस बेरोजगार की बद्दुआ से ये फूफाn मंत्री अगली बार खुद बेरोजगार हो जाएं तो आश्चर्य न कीजिएगा।
-भाजपा सरकार के राज में बेरोजगार को रोजगार तो नही मिल रहा है, बल्कि उनके रोजगार को अन्याय पूर्ण तरीके से समाप्त करने का अभियान जोर शोर से चल रहा है। राज्य के बेरोजगार नौजवान को सरकार के ऐसे कारनामों पर चिंता और चिंतन जरुर करना चाहिए। – जोत सिंह बिष्ट