केदारनाथ। भगवान केदारनाथ के मन्दिर परिसर में नव निर्मित ईशानेश्वर मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम शुरू हो गया है। 15 जून को मन्दिर में भगवान की प्रतिमा स्थापित कर दी जाएगी। इसके बाद श्रद्धालु मंदिर में भगवान ईशानेश्वर की पूजा अर्चना कर सकेंगे।
केदारनाथ धाम में उत्तर- पूर्व दिशा ईशान के दिगपाल भगवान ईशानेश्वर को 11वें रूद्र का अवतार माना जाता है। मान्यता है कि ईशानेश्वर भगवान समस्त वास्तु दोषों को दूर कर देते हैं। केदारनाथ भगवान की पूजा-अर्चना भोग लगाने से पहले भगवान ईशानेश्वेर की पूजा-अर्चना व भोग लगाया जाने की परंपरा है।
वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा में ईशानेश्वर मंदिर पूरी तरह ध्वस्त हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ यात्रा के दौरान ईशानेश्वर मंदिर के पुनर्निर्माण प्राथमिकता के आधार पर किये जाने की बात कही थी। बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने मंदिर के पुनर्निर्माण को दानी दाताओं से भी अपील की थी। तत्पश्चात डेढ़ करोड़ की लागत से मुंबई महाराष्ट्र के एक दानीदाता मनोज सोलंकी द्वारा ईशानेश्वर मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया गया है।
मंगलवार को अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से संकल्प लेकर आचार्य विद्वानों के हाथों भगवान ईशानेश्वर मंदिर की प्रतिष्ठा कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम तीन दिन तक चलेगा। 15 जून को यज्ञ हवन के बाद मूर्तियां मंदिर में प्रतिष्ठापित हो जायेंगी।
इस अवसर पर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, सदस्य निवास पोस्ती, कार्याधिकारी आरसी तिवारी, दानीदाता मनोज सोलंकी तथा उनके परिजन धर्माधिकारी ओंकार शुक्ला, पुजारी शिवलिंग केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी आदि मौजूद रहे।