श्रीनगर। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (National institute of technology) उत्तराखंड के पूर्व निदेशक प्रो. एचटी थोराट की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। एनआईटी के कार्यवाहक रजिस्ट्रार डा धर्मेंद्र त्रिपाठी की शिकायत पर उनके खिलाफ़ कोतवाली श्रीनगर में धोखाधड़ी और हेराफेरी का केस दर्ज हो गया है। मामला प्रो. थोराट के निदेशक रहते हुए एलटीसी ( leave travel concession) के लिए हवाई टिकटों की खरीद में गड़बड़ी से जुड़ा है। मामले की जांच एसएसआई संतोष पैथवाल को सौंपी गई है।
प्रो. थोराट नवंबर 2011 से अक्तूबर 2016 तक एनआईटी उत्तराखंड के निदेशक रहे थे। उनके कार्यकाल में वर्ष 2013-14 में एजेंसी के माध्यम से हवाई टिकटों की खरीद की गई थी। लेकिन किसी ने इस मामले की शिकायत सीबीआई से कर दी। आरोप था कि एलटीसी के नाम पर कुछ आधिकारी कर्मचारियों ने हवाई टिकटों में हेराफेरी की है। इसमें धोखाधड़ी और जालसाजी करते हुए सरकारी धन का गबन किया गया है।
तब इसकी सीबीआई जांच हुई थी। गत वर्ष सीबीआई ने प्रो थोराट सहित पांच लोगों के खिलाफ हवाई टिकटों की खरीद में हेराफेरी की पुष्टि करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को कार्रवाई की संस्तुति भेजी थी। इसके बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने एनआईटी उत्तराखंड को संस्थान से रिटायर हो चुके आधिकारी/कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने और सेवारत लोगों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
विभागीय जांच में तीन के खिलाफ़ आरोप पत्र दिए गए। जबकि रिटायर हो चुके प्रो थोराट के खिलाफ संस्थान के कार्यवाहक रजिस्ट्रार ने मुकदमा दर्ज करने के लिए कोतवाली में तहरीर दी।
सीओ श्रीनगर रविन्द्र कुमार चमोली ने बताया कि डा त्रिपाठी की शिकायत पर पूर्व निदेशक के खिलाफ आईपीसी (भारतीय दण्ड संहिता) 409 और 420 में केस दर्ज हुआ है। विवेचना चल रही है।