पौड़ी। सत्र न्यायाधीश पौड़ी आशीष नैथानी की अदालत ने पत्नी के साथ मारपीट करने वाले पति की सजा को बरकरार रखा है। न्यायिक मजिस्ट्रेट धुमाकोट ने पत्नी के साथ मारपीट का दोषी पाते हुए पति को एक साल के साधारण कारावास और 10 हजार रूपए अर्थदंड की सजा से दंडित किया था। दोषी ने न्यायालय के फैसले को सत्र न्यायालय पौड़ी की अदालत में चुनौती दी थी। सत्र न्यायाधीश पौड़ी ने अवर न्यायालय के फैसले को यथावत रखा है।
पौड़ी जिले के धुमाकोट थाना क्षेत्र में टंडोली गांव की अनीता देवी व उसकी बेटी के साथ 17 मई 2022 को पति दिलवर सिंह कंडारी ने मारपीट की थी। अनीता के भाई ने थाने में अपने बहनोई के खिलाफ तहरीर दी थी । उसने आरोप लगाया कि दिलवर ने उसकी बहन अनीता को चारपाई के डंडे से पीटा। जिससे उसके सिर पर गंभीर चोटें आई। उसके दाहिने हाथ की हड्डी भी टूट गई थी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी पति के खिलाफ मारपीट, गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना की।
चार्जशीट भेजने के पश्चात न्यायिक मजिस्ट्रेट धुमाकोट की अदालत में मामले की सुनवाई हुई। 24 नवंबर 2022 को न्यायिक मजिस्ट्रेट धुमाकोट की अदालत ने आरोपी पति को पत्नी के साथ मारपीट का दोषी पाते हुए एक साल के साधारण कारावास व 10 हजार के अर्थदंड की सजा का फैसला सुनाया था।
जेल में बंद पति ने प्रभारी अधीक्षक जिला कारागार पौड़ी के माध्यम से सत्र न्यायालय पौड़ी की अदालत में अवर न्यायालय के निर्णय को चुनौती दी ।
सत्र न्यायाधीश पौड़ी आशीष नैथानी की अदालत ने अवर न्यायालय के फैसले को सही मानते हुए दिलवर सिंह कंडारी की सजा को बरकरार रखा
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